नईदिल्ली I पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रह रहे भारतीयों के अधिकारों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है. इसमें मांग की गई है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानि पीओके के 24 खाली निर्वाचन क्षेत्रों में रह रहे भारतीयों के अधिकार या तो निलंबित किए जाएं या फिर उन्हें समाप्त कर दिया जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. साथ ही याचिका को भी खारिज कर दिया.
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रह रहे भारतीयों के अधिकारों को चुनौती देने वाली यह याचिका सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस हिस्से का जिक्र किया जा रहा है, वो हिस्सा भारत का हिस्सा है. कोर्ट इस पर कोई दखल नहीं दे सकता है. ये पूरी तरह से नीतिगत मामला है.
पीओके में संवैधानिक बदलाव करने की तैयारी में PAK
बात दें कि पाकिस्तान पीओके में कुछ संवैधानिक बदलाव करने की तैयारी भी कर रहा है. उसकी ओर से इन बदलावों के जरिये पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रह रहे लोगों पर अपना अधिकार जताने का काम किया जा रहा है. पिछले दिनों खबर आई थी कि पाकिस्तान की ओर से पीओके की संवैधानिक स्थिति बदलने के लिए किया गया यह 24वां प्रयास है. अगर ये संशोधन पूरा कर लिया गया तो इसके बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर क्षेत्र की सभी वित्तीय और कानूनी शक्तियां पाकिस्तान की सरकार के हाथ में आ जाएंगी. ऐस में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रह रहे लोगों के लिए परेशानी और बढ़ेगी. वे पाकिस्तान के शोषण का शिकार भी होंगे.
पीओके में आतंकियों को पनाह देता है पाकिस्तान
पाकिस्तान इसी पीओके में भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वाले दहशतगर्दों को भी पनाह देता है. इस इलाके में आतंकियों के लॉन्च पैड भी मौजूद हैं. भारत की ओर से पीओके में एयरस्ट्राइक भी की गई है. इसमें बड़ी संख्या में जैश ए मोहम्मद और लश्कर जैसे आतंकी संगठन के आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया गया था. अपनी जमीन पर आतंकियों को पनाह देने के सबूत होने के बावजूद पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर राग अलापता रहता है. संयुक्त राष्ट्र में भी उसे इस मुद्दे पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया मिलती है.