छत्तीसगढ़

राजपथ का नाम बदलने पर महुआ का तंज, ‘किंकर्तव्यविमूढ़ मठ हो PM आवास का नया नाम’

नई दिल्ली। राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किए जाने की खबरों के बाद सियासत शुरू हो गई है। हालांकि नाम परिवर्तन को लेकर अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई। इस बीच टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम आवास का नाम बदलकर किंगकर्तव्यविमूढ़ मठ कर दिया जाए।

महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, मुझे विश्वास है कि वे राजपथ का नाम कर्तव्य पथ कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि वे पीएम आवास का नाम बदलकर किंकर्तव्यविमूढ़ मठ करेंगे। टीएमसी नेता ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया हैं, उसका अर्थ है- दुविधा में रहना। महुआ मोइत्रा ने आगे कहा कि यह क्या हो रहा है? क्या भाजपा ने हमारी संस्कृति को बदलने का अपना एक मात्र कर्तव्य बना लिया है। क्या उनके महापाप और पागलपन में हमारी विरासत का इतिहास फिर से लिखा जाएगा?

7 सितंबर को फैसले पर लग सकती मुहर

दरअसल, केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलने का फैसला किया। चर्चा है कि अब इसका नाम कर्तव्य पथ किया जा सकता है। नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलने के लिए 7 सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें नए नाम को औपचारिक रूप से मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद अगले दिन यानी 8 सितंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस क्षेत्र का उद्घाटन करेंगे।

राजपथ का संबंध ब्रिटिश किंग किंग जॉर्ज पंचम से है। किंग जॉर्ज पंचम वर्ष 1911 में दिल्ली दरबार में शामिल होने के लिए दिल्ली आए थे और उनके सम्मान में ब्रिटिश काल में इस सड़क का नाम किंग्स वे रखा गया था। आजादी के बाद ही सेंट्रल विस्टा का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया। इसकी ओर जाने वाली एक सड़क का नाम क्वींस-वे था, जिसे अब आप जनपथ के नाम से जानते हैं। 

पहले अल्बुकर्क रोड का नाम बदला गया

राजधानी की सड़कों का नाम बदलने के संबंध में अल्बुकर्क रोड का पहला नाम बदला गया था। महात्मा गांधी ने अपने जीवन का अंतिम समय अल्बुकर्क रोड पर बिड़ला हाउस में बिताया था, इसलिए उनकी हत्या के तुरंत बाद इस सड़क का नाम 30 जनवरी मार्ग रखा गया। आजादी के आठ साल बाद 1955 में किंग्स-वे राजपथ और क्वींस-वे जनपथ बन गया। 

यॉर्क रोड, जहां पंडित जवाहरलाल नेहरू को 2 सितंबर, 1946 को अंतरिम सरकार बनने पर देश में रहने के लिए बंगला मिला था, का नाम बदलकर मोतीलाल नेहरू मार्ग कर दिया गया। डॉ राजेंद्र प्रसाद क्वींस विक्टोरिया रोड पर एक बंगले में रहते थे, इसलिए सड़क का नाम। देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद का आवास किंग एडवर्ड रोड पर था, फिर उनकी मृत्यु के बाद इसका नाम बदलकर मौलाना आजाद रोड कर दिया गया।

मोदी सरकार में बदलें इन सड़कों के नाम

1970 और 1980 के दशक के मध्य में राजधानी की कई सड़कों का नाम बदल दिया गया। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में भी सड़कों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है। साल 2016 में रेसकोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया, जहां प्रधानमंत्री आवास है। इससे एक साल पहले औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया था। 2017 में डलहौजी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड कर दिया गया। अकबर रोड का नाम बदलने के कई प्रस्ताव भी आए हैं, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।