रायपुर। छत्तीसगढ़ में 10 हजार मेगावाट की सात जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। किसानों को 3 लाख रुपए तक का लोन बिना ब्याज के मिलेगा। कैबिनेट में यह फैसले किए गए। सभी बिजली परियोजनाएं पम्प स्टोरेज आधारित होंगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना स्थापना नीति 2022 को मंजूरी दे दी गई। जनरेशन कंपनी द्वारा कोरबा, जशपुर, सरगुजा, गरियाबंद, धमतरी एवं बलरामपुर जिले में परियोजना की स्थापना का अध्ययन किया जा रहा है।
राज्य में कोयले की उपलब्धता के कारण बड़ी संख्या में कोयला आधारित विद्युत उत्पादन परियोजना स्थापित हो रही हैं। किसी भी विद्युत प्रणाली के संचालन के लिए ताप विद्युत, जल विद्युत और उत्पादन क्षमता का समान अनुपात होना चाहिए। लेकिन राज्य की विद्युत प्रणाली में जल विद्युत उत्पादन का अंश आदर्श स्थिति के अनुरूप नहीं है। इसलिए इसे बढ़ावा देने के लिए यह प्रावधान किया गया है। वर्तमान में 25 मेगावॉट क्षमता के लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना के लिए जारी अधिसूचना फरवरी 2022 में समाप्त हो चुकी है।
अनुसूचित क्षेत्र में संभाग के बाहर नहीं होगा ट्रांसफर
राज्य शासन की ओर से अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों सहित बिलासपुर संभाग के कोरबा व गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के जिला स्तरीय व संभाग स्तरीय पदों पर नियुक्त व्यक्तियों का स्थानान्तरण, प्रतिनियुक्ति, संविलियन, संलग्नीकरण जिले और संभाग के बाहर नहीं किये जाएंगे।
810 मेगावॉट के सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाएंगे
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान (पीएम कुसुम) योजना के कम्पोनेन्ट-सी अंतर्गत कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा प्रदान करने के लिए 810 मेगावॉट (डीसी)/675 मेगावॉट (एसी) क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाएंगे। सौर ऊर्जा की उपलब्धता के समय सोलर ऊर्जा से कृषि पंप चलाए जाएंगे तथा सोलर ऊर्जा उपलब्ध नहीं होने पर बिजली का उपयोग कर सकेंगे।
किसान देंगे जमीन तो मिलेगा किराया
बिजली की ट्रांसमिशन लाइन के नीचे भी सोलर प्लांट लगाकर बिजली बनाई जा सकती है। अगर सरकारी जमीन पर ऐसा प्लांट लगता है तो एक रुपए की दर पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। अगर जमीन किसान की है और वह सहमत है तो उसके खेत में प्लांट लग सकता है। इसके लिए 25 साल का एग्रीमेंट होगा। किसान को प्रति एकड़ सालाना 30 हजार रुपए किराया भी मिलेगा। इसमें 6% सालाना की वृद्धि होती रहेगी।
कृषि विभाग के लिए नया भवन
किसानों के हित में कृषि और उससे संबंधित उद्यानिकी, मछलीपालन, पशुपालन आदि संबद्ध विभागों की गतिविधियों को एक ही जगह से क्रियान्वित करने के लिए अन्य विभागों की तरह कृषि भवन बनेगा। इसके निर्माण के लिए नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर 19 में 3.14 एकड़ भूमि चिह्नांकित की गई है। इसके लिए एक रुपए टोकन में भूमि आबंटित करने का निर्णय लिया गया।
उद्यानिकी, गोपालन और मत्स्य पालन को मिलेगा बढ़ावा
किसानों के सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान में संशोधन किया गया है। जिसके अनुसार उद्यानिकी कार्यों, मत्स्य पालन और गोपालन के लिए किसानों को 3 लाख रुपए तक का लोन बिना ब्याज के मिलेगा। अभी तक एक लाख तक के लोन पर एक प्रतिशत और तीन लाख तक के कर्ज पर तीन प्रतिशत ब्याज लगता था।