नईदिल्ली I गुजरात में 2002 के दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दाखिल सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकर से दो सप्ताह में दोषियों की रिहाई से जुड़े सभी दस्तावेज कोर्ट में पेश करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते के बाद होगी. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से भी याचिका पर 2 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को भी कहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद रिहा हुए 11 लोगों को याचिकाकर्ताओं की तरफ से पक्ष न बनाने के चलते सुनवाई शुक्रवार को टल गई है.
11 दोषियों की हुई थी रिहाई
बिलकिस बानो ने इस मामले में कहा था कि उनके और उनके परिवार के सात लोगों से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई ने न्याय पर उनके भरोसे को तोड़ दिया है. बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले के दोषी सभी 11 लोगों को गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत सजा माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था.
बानो ने बताया था अन्यायपूर्ण फैसला
सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए बिलकिस ने कहा था कि इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण फैसला लेने से पहले किसी ने उनकी सुरक्षा के बारे में नहीं पूछा और नाही उनके भले के बारे में सोचा. उन्होंने गुजरात सरकार से इस बदलने और उन्हें बिना डर के शांति से जीने का अधिकार देने को कहा. बिलकिस बानो की ओर से उनकी वकील ने एक बयान जारी कर कहा था कि 15 अगस्त, 2022 को जब मैंने सुना कि मेरे परिवार और मेरी जिन्दगी बर्बाद करने वाले, मुझसे मेरी तीन साल की बेटी को छीनने वाले 11 दोषियों को आजाद कर दिया गया है तो 20 साल पुराना भयावह अतीत मेरे सामने मुंह बाए खड़ा हो गया.
न्याय से मेरा भरोसा उठा
बिलकिस ने कहा था कि आज वह सिर्फ इतना कह सकती है कि किसी महिला के लिए न्याय ऐसे कैसे खत्म हो सकता है? उन्होंने कहा, मैंने अपने देश के उच्चतम न्यायालय पर भरोसा किया. मैंने तंत्र पर भरोसा किया और मैं धीरे-धीरे अपने भयावह अतीत के साथ जीना सीख रही थी. दोषियों की रिहाई से मेरी शांति भंग हो गई है और न्याय पर से मेरा भरोसा उठ गया है. उन्होंने कहा, मेरा दुख और मेरा खत्म हो रहा भरोसा, सिर्फ मेरी समस्या नहीं है, बल्कि अदालतों में न्याय के लिए लड़ रही सभी महिलाओं की बात है.’