छत्तीसगढ़

CAA समेत 220 याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नईदिल्ली I सुप्रीम कोर्ट सोमवार को विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं समेत 200 से अधिक जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ सीएए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार प्रधान न्यायाधीश और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए 220 याचिकाएं सूचीबद्ध हैं, जिनमें सीएए के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की प्रमुख याचिका भी शामिल है. शीर्ष अदालत में कुछ वर्षों से लंबित कई जनहित याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी.

इन याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ कुछ अन्य जनहित याचिकाओं पर भी सुनवाई करने वाली है, जिसमें एक संगठन वी द वूमेन ऑफ इंडिया द्वारा दायर याचिका भी शामिल है. सीएए के तहत 31 दिसंबर 2014 को या फिर उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को संबंधित याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.

शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जनवरी 2020 के दूसरे सप्ताह तक जवाब दाखिल करने को कहा था. हालांकि, कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लागू प्रतिबंधों के कारण यह मामला सुनवाई के लिए नहीं आ सका, क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में वकील और वादी शामिल थे.

सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक आईयूएमएल ने अपनी याचिका में कहा है कि यह कानून समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है और अवैध प्रवासियों के एक वर्ग को धर्म के आधार पर नागरिकता देने का इरादा रखता है.