नई दिल्ली । कानून मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ होने वाले अपराधों का जिक्र किया और इनके जल्दी निपटान के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन में तेजी लाने पर जोर दिया। इस क्रम में उन्होंने सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखित तौर पर यह सलाह दी है। पत्र में उन्होंने लिखा कि 14वें वित्त आयोग द्वारा सुझाए गए 1800 फास्ट ट्रैक अदालतों में से केवल 896 कार्यरत हैं। यह आंकड़ा 31 जुलाई तक का है। इन अदालतों में 13.18 लाख मामले लंबित हैं।
फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के गठन पर कानून मंत्री का जोर
फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSCs) के गठन मामले में उन्होंने बताया कि 1023 ऐसे कोर्ट का प्रस्ताव दिया गया था और 28 राज्यों में केवल 731 ऐसी अदालते हैं जो काम कर रहीं हैं। इन अदालतों का गठन केंद्र की ओर से स्पांसर की गई स्कीम के तहत POCSO अधिनियम के अंतर्गत आने वाले मामलों की सुनवाई के लिए की गई थी। कानून मंत्री ने बताया कि 3.28 लाख मामले FTSCs में लंबित हैं जो चिंताजनक हालात हैं। रिजिजू का हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेजने से पहले कानून मंत्रालय द्वारा FTCs और FTSCs की पूरी जांच की गई थी।