पटना : चुनावी रणनीतिकार से राजनीतिक ऐक्टिविस्ट बने प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दो टूक कह दिया है कि बिहार में शराबबंदी ‘पूरी तरह से फेल’ हो चुकी है और इसपर निश्चित रूप से ‘पुनर्विचार’ की जरूरत है। प्रशांत किशोर इस समय अपने 3,500 किलो मीटर के राज्यव्यापी पदयात्रा की तैयारियों के सिलसिले में चंपारण में मौजूद हैं। उन्होंने कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की थी और इसी दौरान शराबबंदी को नाकाम बताया है।
शराबबंदी ‘पूरी तरह फेल’- प्रशांत किशोर
नीतीश कुमार से मुलाकात के बारे में खुद सीएम की ओर से पुष्टि किए जाने के बाद प्रशांत किशोर ने कहा है, ‘मैं इस तरह की रिपोर्ट पढ़कर चकित हूं कि मैं सीएम से गुपचुप तरीके से रात के अंधेरे में मिला। हमारी मुलाकात मंगलवार को करीब शाम 4.30 बजे हुई थी। हमारे कॉमन फ्रेंड पवन वर्मा ने यह मुलाकात करवाई थी।’ जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष किशोर ने कहा कि ‘शराबबंदी पूरी तरह से फेल रही है, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के चलते यह सिर्फ कागज पर ही मौजूद है। महिलाएं, जिनके नाम पर यह सख्त कदम उठाया गया था, उन्हें सबसे ज्यादा भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि जब उनके मर्द कानून तोड़ने के चलते सलाखों के पीछे पहुंच जाते हैं तो उन्हें ही सारा काम करना होता है। ‘
शराबबंदी को ‘अहम’ पर लिए बिना पुनर्विचार जरूरी- पीके
2016 के अप्रैल में जब महागठबंधन की सरकार के दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शराब बंदी का फैसला किया था, तो प्रशांत किशोर भी उनके एक प्रभावी सलाहकार थे। लेकिन,अब उनका कहना है कि ‘मैंने यह सीएम से भी कहा है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में हमने बिहार में यात्रा के दौरान जो अनुभव किया है, उसको भी साझा किया है। मैंने कहा कि इसपर निश्चित पुनर्विचार हो, बिना इसको अहम पर लेते हुए। ‘
बेगूसराय की घटना पर क्या बोले प्रशांत किशोर ?
जब उनसे बिहार के बेगूसराय में दो बाइक सवार अपराधियों द्वारा 30 किलोमीटर तक बेखौफ होकर अंधाधुंध फायरिंग करने पर सवाल किया गया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और 10 जख्मी हुए हैं तो वे बोले कि इससे लोगों में डर की भावना पैदा होती है। ‘लेकिन, यह रातोंरात नहीं हुआ है। जब बीजेपी सरकार में थी तब भी कानून और व्यवस्था खराब हो रही थी, हालांकि, अब उनके लिए यह मामला उठाना आसान हो गया है।’
भ्रष्टाचार महत्वपूर्ण मुद्दा
बिहार में राजद कोटे से कृषि मंत्री बने सुधाकर सिंह के भ्रष्टाचार वाले बयान पर जारी विवाद को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें निजी तौर पर नहीं जानता, लेकिन पता चला है कि वह नौकरशाही में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे थे। मेरे अपने शुरुआती अनुभव के अनुसार यह प्रदेश का बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभी जनप्रतिनिधियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।