नईदिल्ली I उत्तर प्रदेश के हापुड़ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां सरकारी स्कूल में बच्चों को दी जाने वाली किताबें बेचने का मामला सामने आया है. हैरान करने वाली बात यह है कि इन किताबों को कर्मचारियों ने ही बेच डाला. हालांकि आरोपी प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक कक्षाओं की सत्र 2022-23 की नयी किताबें चोरी कर मुनाफा कमाने के लिए बिक्री करने निकले तो आगे पुलिस के हाथ चढ़ गये. आरोपी 22 बंडल किताबें गाड़ी में लादकर बेचने के लिए कबाड़ी के यहां पहुंच गए थे. दोनों कर्मचारी गढ़मुक्तेश्वर बीआरसी कार्यालय बृजघाट में तैनात हैं.
यहां सरकारी स्कूल के 8वीं तक के बच्चों में बंटने के लिए किताबें आई थीं, लेकिन यहां सरकारी कर्मचारियों ने इन किताबों को कबाड़ की दुकान में बेच दिया. प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक कक्षाओं की सत्र 2022-23 की नयी किताबें चोरी कर मुनाफा कमाने के लिए बेच दी गईं. घटना की सूचना पर देर रात्रि बुलंदशहर से खंड शिक्षा अधिकारी पंकज चतुर्वेदी गढमुक्तेश्वर पहुंचे. मामले में घंटों पुस्तकों की गिनती और पूछताछ के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हुआ. इसके बाद दोनों कर्मचारियों ने सच उगला.
दोनों कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज
हैड इंचार्ज दक्ष कर्मचारी देवेंद्र चौहान की तहरीर और एबीएसए गढमुक्तेश्वर पंकज चतुर्वेदी की संस्तुति पर बहादुरगढ़ थाना में परवेज और प्रशांत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. हालांकि मौके से प्रशांत फरार हो गया था. प्रदेश सरकार हर बच्चे को घर से निकाल कर पढ़ाना चाहती है मगर हापुड़ ज़िले के शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकार की पुरी योजना को फेल करते नज़र आते हैं. घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब किताबें बच्चों को बांटने के लिए स्कूल में आई थी तभी वहां के प्रधानाचार्य ने किताबों को क्यों नहीं बाटा. हालांकि अब इस घटना का सज्ञान ज़िले के बड़े अधिकारियों ने ले लिया है और कार्यवाही की बात कर रहे हैं.
नहीं लिया एक्शन तो बुलंद हुए हौसले
बहादुरगढ़ थाना प्रभारी आशीष कुमार ने बताया कि दक्ष कर्मचारी देवेंद्र चौहान नानई की तहरीर पर परवेज़ और प्रशांत के विरुद्ध संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है. वहीं हापुड़ ज़िले में शिक्षा विभाग में धांधली का कार्यक्रम पूरे ज़ोर शोर से चल रहा है मगर किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई तभी शिक्षा विभाग के दो कर्मचारी परवेज़ और प्रशान्त जैसे कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं.