नईदिल्ली I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शनिवार को 15 दिवसीय रक्तदान अभियान शुरू हुआ है. इसके तहत अभी तक 87137 लोगों ने रक्तदान किया है जो अबतक का वर्ल्ड रिकार्ड है. अभी तक एक दिन में 86000 लोगों ने रक्तदान किया था जो विश्व रिकॉर्ड था. इससे पहले रक्तदान अभियान के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सफदरजंग अस्पताल में बने एक शिविर में रक्तदान किया.
केंद्रीय मंत्री ने लोगों से रक्तदान अमृत महोत्सव के तौर पर रक्तदान करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप या ई-रक्तकोष पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का अनुरोध किया. यह महोत्सव एक अक्टूबर-राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस तक मनाया जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने की रक्तदान की अपील
मांडविया ने कहा, रक्तदान एक महान काम है और हमारी समृद्ध संस्कृति और सेवा और सहयोग की परंपरा को देखते हुए मैं, सभी नागरिकों से आगे आने और देशभर में विशाल स्वैच्छिक रक्तदान अभियान – रक्तदान अमृत महोत्सव के तौर पर रक्त दान करने की अपील करता हूं. रक्तदान से न केवल राष्ट्रीय आवश्यकता पूरी होती है बल्कि यह समाज एवं मानवता के प्रति एक बड़ी सेवा भी है.
उन्होंने स्वैच्छिक रक्तदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, रक्तदान अमृत महोसत्व, आजादी का अमृत महोत्सव के जश्न समारोहों का हिस्सा है.
मांडविया ने कहा कि भारत में 2021 के आंकड़ों के मुताबिक सालाना करीब 1.5 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि हर दो सेकंड में भारत में एक मरीज को रक्त की आवश्यकता होती है और प्रत्येक तीन में से एक व्यक्ति को अपने जीवन में कभी न कभी रक्त की आवश्यकता पड़ती है. उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी तरक्की के बावजूद रक्त का कोई विकल्प नहीं है और एक यूनिट रक्त तीन जिंदगियां बचा सकता है.
उन्होंने शिविर में दानदाताओं से मुलाकात की और उनके प्रयासों की सराहना की. रक्तदान को लेकर भ्रांति दूर करते हुए उन्होंने कहा, एक व्यक्ति के शरीर में पांच से छह लीटर खून होता है और वह हर 90 दिन में रक्तदान कर सकता है.
क्या है अभियान का मकसद?
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, इस अभियान का मकसद एक दिन में एक लाख यूनिट रक्त एकत्रित करना है. इसके अलावा लोगों को नियमित रक्तदान करने के प्रति जागरूक किया जाएगा. रक्त की एक यूनिट का मतलब 350 मिलीलीटर रक्त होता है.
केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी मंत्रालय और विभाग, गैर-सरकारी तथा सामुदायिक संगठन और अन्य पक्षकार इस अभियान में हिस्सा लेंगे. मांडविया ने इस मौके पर स्वास्थ्य देखभाल की ओर सफदरजंग अस्पताल के योगदान का उल्लेख करने वाली किताब फुटप्रिंट्स ऑफ द सैंड्स ऑफ टाइम का भी विमोचन किया.