नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने कहा कि मंकीपाक्स के ए.2 वैरिएंट में म्युटेशन हो रहा है। आइसीएमआर ने जुलाई से अगस्त तक केरल और दिल्ली में मिले मंकीपाक्स के मामलों की संपूर्ण जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद यह बात कही है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
हालांकि, परिषद ने भी कहा है कि म्युटेशन की गति धीमी है। पुणे स्थित आइसीएमआर-एनआइवी की वरिष्ठ विज्ञानी डा. प्रज्ञा यादव ने कहा कि हमने केरल में मिले मंकीपाक्स के पांच मामलों (सारे यूएई से आए थे) और दिल्ली में मिले पांच मामलों (जिन्होंने किसी देश की यात्रा नहीं की थी) की संपूर्ण जीनोम सिक्वें¨सग की। उन्होंने कहा कि 90 से 99 प्रतिशत वायरस क्लैड एलएलबी के ए.2 वंश के हैं। अध्ययन में यह पाया गया कि ए.2 में अब तक तीन म्युटेशन हो चुके हैं।
बीते दिनों, दिल्ली में 30 साल की एक नाइजीरियाइ महिला मंकीपाक्स से संक्रमित पाई गई है। इसी के साथ राष्ट्रीय राजधानी में इसके मामलों की संख्या बढ़कर आठ हो गई और पूरे देश का यह तेरहवां मामला रहा। संक्रमित महिला को LNJP में भर्ती कराया गया है। मंकीपाक्स में आमतौर पर खुजली, तेज बुखार, बदन दर्द, त्वचा पर दाने और चकत्ते पड़ना, सुस्ती लगना जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इसमें मरीज को बार-बार खांसी आने की भी समस्या रहती है।