नईदिल्ली I विपक्षी एकता को एकजुट करने में लगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया है. नीतीश कुमार ने कहा कि ये सब बेकार की बातें हैं. इन पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, मैं हैरान हूं. ऐसा कुछ नहीं है. ये सब बेकर की बात है. मेरी दिलचस्पी सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को एकजुट करने में है. यह एक बड़ी उपलब्धि होगी. मुझे केवल उसी के लिए काम करने में दिलचस्पी है.”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह नई पीढ़ी को बढ़ावा देना चाहते हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि हो सकता है कि कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया हो, लेकिन उन्होंने अभी तक अपनी सीट नहीं चुनी है. नीतीश कुमार ने कहा कि मेरे लिए (सीट का) कोई विकल्प नहीं है. सभी विकल्प देश के लिए हैं. मेरी यही इच्छा है कि सभी विपक्षी एक हो जाएं. देश की रक्षा के लिए हमें एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है. एकता का उद्देश्य सामाजिक समरसता बनाए रखना है, जिस पर लगातार हमले हो रहे हैं.
वाराणसी से फूलपुर की दूरी 100 किमी
बता दें, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की थी. अखिलेश ने कहा था कि वह इस सीट पर नीतीश का समर्थन करेंगे. फूलपुर लोकसभा सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी लोकसभा सीट से महज 100 किमी की दूरी पर है. ऐसे में इस सीट पर नीतीश के चुनाव लड़ने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो जाता. यूपी में प्रयागराज जिले के जेडीयू कार्यकर्ता भी नीतीश कुमार से मांग कर रहे थे कि वह फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ें.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने रविवार को संकेत दिया था कि नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश से अगला संसदीय चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि उन्हें न केवल फूलपुर, बल्कि अंबेडकरनगर और मिर्जापुर से भी चुनाव लड़ने की पेशकश की गई थी.
पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग, नीतीश लड़ें चुनाव
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए कुछ भी नहीं है. नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इसका फैसला सही समय पर ही होगा, लेकिन उन्हें अंबेडकरनगर और मिर्जापुर से भी चुनाव लड़ने की पेशकश की गई है. यह विपक्षी दलों को एकजुट करने के उनके मिशन का नतीजा है कि पार्टी कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि उन्हें उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ना चाहिए.