नईदिल्ली I गुजरात दंगों के मामले में सबूतों गढ़ने के आरोप में अहमदाबाद मजिस्ट्रेट की अदालत में तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने दो सितंबर को तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दी थी। उन्हें 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित रूप से दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हैरत जताई थी कि गुजरात हाईकोर्ट ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका को 19 सितंबर को सुनवाई के लिए क्यों सूचीबद्ध किया है। हाई कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को नोटिस दिए जाने के छह सप्ताह बाद शीर्ष अदालत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार से तीस्ता की याचिका पर जवाब मांगा था।
तीस्ता पर लोगों को फंसाने के लिए झूठे सबूत गढ़ने का आरोप
सीतलवाड़ और श्रीकुमार दोनों को जून में गिरफ्तार किया गया था, उन पर 2002 के गोधरा दंगों के बाद के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने का आरोप है। वे साबरमती केंद्रीय जेल में बंद हैं। श्रीकुमार ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। मामले के तीसरे आरोपी पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट भी जेल में हैं। भट्ट पहले से ही
सीतलवाड़ और श्रीकुमार को किया गया था गिरफ्तार
मुंबई के सीतलवाड़ और श्रीकुमार को 24 जून को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जकिया जाफरी द्वारा दायर एक याचिका खारिज करने के कुछ दिनों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया था। जकिया के पति और पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी अहमदाबाद में दंगों के दौरान मारे गए थे, जिसमें एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी गई थी।