नई दिल्ली। टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राज्य पुलिस बलों की संयुक्त टीम ने 10 से अधिक राज्यों में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापा मारा है। छापेमारी में अब तक PFI के 100 से अधिक सदस्यों की गिरफ्तारी हुई है। इनमें PFI के कई प्रमुख नेता भी शामिल हैं। ये तलाशी आतंकवाद को फंडिंग करने, ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने और प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए लोगों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल व्यक्तियों के घरों और कार्यालयों में की जा रही है।
PFI के 100 से अधिक कैडर गिरफ्तार
‘देश भर में 10 राज्यों में बड़ी कार्रवाई करते हुए, NIA, ED और राज्य पुलिस ने PFI के 100 से अधिक कैडरों को गिरफ्तार किया है।’ जानकारी के अनुसार, PFI के दिल्ली प्रमुख परवेज अहमद को भी गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, बिहार और कई अन्य राज्यों में छापेमारी की कार्रवाई हुई है।
कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन
जांच एजेंसी की इस कार्रवाई के विरोध में कई जगह PFI और SDPI के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कर्नाटक के मंगलुरु में NIA की कार्रवाई के खिलाफ PFI और SDPI के समर्थकों ने प्रदर्शन किया। साथ ही तमिलनाडु के डिंडुगल में NIA की कार्रवाई के विरोध में PFI के 50 से अधिक कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले भी हुई थी कार्रवाई
बता दें कि NIA ने इस महीने की शुरुआत में एक PFI मामले में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में 40 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें चार लोगों को हिरासत में लिया गया था। जांच एजेंसी ने तब तेलंगाना में 38 स्थानों (निजामाबाद में 23, हैदराबाद में चार, जगत्याल में सात, निर्मल में दो, आदिलाबाद और करीमनगर जिलों में एक-एक) और आंध्र प्रदेश में दो स्थानों (कुरनूल और नेल्लोर में एक-एक) पर तलाशी ली थी। उस दौरान, तलाशी अभियान में डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज, दो चाकू और 8,31,500 रुपये नकद सहित अन्य आपत्तिजनक सामान जब्त की थी। NIA ने बताया कि सभी आरोपी आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर रहे थे।
क्या है PFI?
PFI की स्थापना केरल में 2006 में हुई थी। 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद तीन मुस्लिम संगठनों- केरल का राष्ट्रीय विकास मोर्चा, कर्नाटक फोरम फार डिग्निटी और तमिलनाडु की मनिथा नीति पासारी के विलय के बाद PFI का जन्म हुआ। बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, दक्षिण भारत में कई संगठन सामने आए थे, जिनमें से कुछ को मिलाकर PFI का गठन किया गया था। PFI खुद को अल्पसंख्यक समुदायों, दलितों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लोगों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध एक नव-सामाजिक आंदोलन के रूप में बताता है।
कितने राज्यों में सक्रिय है PFI?
PFI का दावा है कि वर्तमान में 22 राज्यों में उसकी इकाइयां हैं। पिछले कुछ वर्षों में PFI की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। PFI को एशिया के अलावा मध्य-पूर्वी देशों से भी फंडिंग मिलती है। पहले PFI का मुख्यालय कोझिकोड में था, लेकिन इसके विस्तार के बाद मुख्यालय को दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया। PFI के प्रदेश अध्यक्ष नसरुद्दीन एलमारोम संगठन के संस्थापक नेताओं में से एक हैं। इसके अखिल भारतीय अध्यक्ष ई अबुबकर भी केरल के रहने वाले हैं।