शिलांग। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी लोग पहचान के मामले में हिंदू हैं। आरएसएस के दर्शन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू एक धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। शिलांग में एक सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हिंदुस्तान में रहने वाला हर नागरिक हिंदू हैं।
मुगलों और ब्रिटिश शासकों से भी पहले हिंदू अस्तित्व में
भागवत ने कहा कि हिमालय के दक्षिण में, हिंद महासागर के उत्तर में और सिंधु नदी के तट के निवासियों को परंपरागत रूप से हिंदू कहा जाता है। इसे भारत भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम का प्रसार करने वाले मुगलों और ईसाई धर्म का प्रसार करने वाले ब्रिटिश शासकों से भी पहले हिंदू अस्तित्व में थे।
किसी को धर्म बदलने की जरूरत नहीं
आरएसएस की विचारधारा पर प्रकाश डालते हुए भागवत ने कहा कि हिंदू शब्द उन सभी को शामिल करता है जो भारत माता के पुत्र हैं। भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं और जो भारतीय संस्कृति के अनुसार रहते हैं। आरएसएस सुप्रीमो ने कहा कि हिंदू बनने के लिए किसी को धर्म बदलने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहां हर कोई हिंदू है। भारत एक पश्चिमी अवधारणा वाला देश नहीं है। यह अनादि काल से एक सांस्कृतिक देश रहा है। वास्तव में यह एक ऐसा देश है जिसने दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया है।
कार्यकर्ताओं की कई बैठकों में शामिल हुए
भागवत यहां शनिवार और रविवार को संघ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की कई बैठकों में शामिल हुए। भागवत की मेघालय यात्रा ईसाई बहुल राज्य में इसलिए और ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। भागवत के दौरे को देखते हुए राज्य में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।