नईदिल्ली I दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ आपत्तिजनक बयानों और विवादित पोस्ट को हटाने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने अपने आंतरिम आदेश में उपराज्यपाल के खिलाफ कथित अपमानजनक सामग्री हटाने का आदेश दिया है।
एलजी वीके सक्सेना के खिलाफ जंग में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में एलजी के खिलाफ कथित अपमानजनक सामग्रियों को हटाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने एलजी की ओर से दायर मानहानि केस में यह अंतरिम फैसला सुनाया है। उन्होंने कोर्ट से अपील की थी कि आम आदमी पार्टी और इसके नेताओं को सोशल मीडिया पर अपमानजनक ट्वीट और अन्य पोस्ट को हटाने को कहा जाए।
एलजी वीके सक्सेना की ओर से दिल्ली सरकार की शराब नीति समेत कई मुद्दों पर जांच के आदेश देने के बाद आम आदमी पार्टी उनपर हमलावर हो गई थी। दिल्ली के कई नेताओं ने एलजी वीके सक्सेना पर 1400 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया। आरोप लगाया गया कि सक्सेना जब खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन थे तब उन्होंने नोटबंदी के दौरान कालेधन को सफेद कराया था। इसके अलावा उन पर कर्मचारियों के वेतन में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया गया। आप विधायक दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज, आतिशी मार्लेना और सांसद संजय सिंह समेत कई नेताओं ने एलजी पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किए थे। सक्सेना को चोर और भ्रष्टाचारी कहा गया।
एलजी वीके सक्सेना ने इन आरोपों को खारिज करते हुए 5 आप नेताओं पर मानहानि का मुकदमा किया है। सक्सेना ने ‘आप’ और उसके नेताओं आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और जैस्मीन शाह द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित और जारी किए गए कथित झूठे और अपमानजनक पोस्ट या ट्वीट या वीडियो को हटाने का निर्देश दिए जाने की मांग की थी। उन्होंने आम आदमी पार्टी और उसके पांच नेताओं से ब्याज सहित 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की भी मांग की है।