नईदिल्ली I सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अदार पूनावाला ने वैक्सीन के वैश्विक प्रमाणीकरण के लिए पहल की है. उन्होंने सिंगापुर में फोर्ब्स ग्लोबल सीईओ सम्मेलन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र (UN) और विश्व व्यापार संगठन (WTO) जैसे बहुपक्षीय संगठनों को किसी अन्य महामारी से पूर्व टीकों के प्रमाणीकरण पर सामंजस्य स्थापित करना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया के वे इसका प्रस्ताव कर रहे हैं.
‘मैं इसकी पैरवी करता रहूंगा’
उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन जैसे बहुपक्षीय संगठनों को टीकों के सर्टिफिकेशन में सामंजस्य स्थापित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.” कोविड-19 से सीखे गए सबक पर एक सवाल के जवाब में, पूनावाला ने दुनिया के नेताओं की चिंताओं को देखते हुए इस तरह के प्रस्ताव के होने की चुनौतियों को स्वीकार किया. उन्होंने कहा, “मैं इसकी (प्रस्ताव) पैरवी करता रहूंगा, हालांकि दुनिया के नेताओं से किसी भी बात पर सहमत होना बेहद मुश्किल है.”
क्या भारत इस तरह की महत्वपूर्ण पहल करेगा?
पूनावाला ने वैश्विक नेताओं द्वारा सहमत जलवायु संबंधी संधियों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को लाना ही होगा और मुझे विश्वास है कि भारत इस तरह की महत्वपूर्ण पहल का नेतृत्व करने में अपनी भूमिका निभाएगा. जब पूनावाला से पूछा गया कि क्या भारत विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण पहल कर सकता है तो उन्होंने कहा कि केवल एक देश इसे आगे नहीं बढ़ा सकता है.
उन्होंने सीमा पार से टीकों की आपूर्ति के दौरान आने वाली बाधाओं का हवाला दिया. महामारी की शुरुआत में वैक्सीन प्रमाण पत्र और नैदानिक परीक्षण के कागजात स्वीकार नहीं किए जा रहे थे. पूनावाला ने एसआईआई की भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया, जो मानव जाति की भलाई और व्यवसाय में विविधता लाने पर केंद्रित हैं. उन्होंने बताया कि वह भारत में स्वास्थ्य बीमा कारोबार में प्रवेश करने के लिए वैश्विक साझेदारी की संभावनाएं तलाश रहे हैं.
स्वास्थ्य बीमा में उत्थान की जरूरत’
एसआईआई के सीईओ ने बताया कि वह भारत में एक ऐसा ब्रांड लाने के लिए एक वैश्विक समूह के साथ साझेदारी की मांग कर रहे हैं जो लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा के उत्थान में मदद कर सके. उन्होंने संबंधित व्यवसायों के साथ-साथ देश में एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी में चल रहे निवेश को रेखांकित किया.
पूनावाला ने अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के माध्यम से भारत में स्वास्थ्य बीमा व्यवसाय को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि SII ने पिछले दो वर्षों में क्षमता निर्माण में 15,000 करोड़ रुपये की तुलना में 10,000 करोड़ रुपये (12,29,486 अमरीकी डालर) का निवेश किया था. पिछले पांच दशकों में 18,44,229 अमेरिकी डॉलर का निवेश किया.