नईदिल्ली I चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम पर आखिरकार मुहर लग ही गई. अब एयरपोर्ट को शहीद भगत सिंह के नाम से जाना जाएगा, जिसका नामकरण 28 सितंबर को एक कार्यक्रम में किया जाएगा. इसके लिए भगत सिंह की जयंती के मौके पर चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चीफ गेस्ट होंगी. इनके अलावा पंजाब और हरियाणा के गवर्नर भी कार्यक्रम में शामिल होंगे. केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज शामिल होंगे.
इनके अलावा चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर और श्री आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी भी मौजूद रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के दौरान चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने का ऐलान किया था. हालांकि चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नाम को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से विवाद रहा है. पंजाब सरकार इसे मोहाली एयरपोर्ट, जबकि हरियाणा सरकार इसे सिर्फ चंडीगढ़ एयरपोर्ट बुलाते थे. शहीद भगत सिंह के नाम पर एयरपोर्ट का नाम रखने का फैसला कांग्रेस की सरकार ने 2017 में ही कर दिया था.
बीजेपी-कांग्रेस सरकार में तनातनी
पंजाब में दशकों तक कांग्रेस की सरकार रही लेकिन हरियाणा में सरकार बदलती रही है. इस बीच जब हरियाणा में भूपिंदर सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी, तो उन्होंने पंजाब सरकार के उस प्रस्ताव पर सहमति दी, जिसमें एयरपोर्ट का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का फैसला किया गया. विवाद तब और गहरा गया जब हरियाणा में बीजेपी सरकार आई और राज्य सरकार ने एयरपोर्ट का नाम एक पूर्व बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम मंगल सेन के नाम पर रखने प्रस्ताव दिया, जिसे पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मानने से इनकार किया था.
पंजाब हरियाणा में बनी सहमति
2017 में पंजाब सरकार ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पास कर एयरपोर्ट का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का फैसला भी कर लिया था. हालांकि, तब हरियाणा ने इसे मानने से इनकार कर दिया. अब आखिरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका अंतिम ऐलान किया, जिसका दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी स्वागत किया. सीएम मान ने बताया कि एयरपोर्ट के नाम को लेकर पिछले महीने पंजाब और हरियाणा के बीच बातचीत हुई थी, जिसमें यह फैसला किया गया था.