गांधीनगर । महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बड़ा झटका लगा। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान चुनाव की कार्रवाई पर रोक लगाने वाली उद्धव ठाकरे की याचिका को खारिज करते हुए चुनाव आयोग को यह तय करने की अनुमति दे दी कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच किसको असली शिवसेना पार्टी के रूप में मान्यता दी जाए और धनुष और तीर का चिन्ह आवंटित किया जाए। इस मामले पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग इस मामले पर बहुमत के नियम के आधार पर चुनाव चिन्ह को आवंटित करेगा।
बहुमत के नियम पर होगा फैसला
उन्होंने कहा, ‘ निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को ‘असली’ शिवसेना के तौर पर मान्यता देने तथा शिंदे गुट को पार्टी का धनुष-बाण का चुनाव चिह्न आवंटित करने के मुद्दे पर बहुमत के नियम के आधार पर इसका फैसला करेगा। सीईसी राजीव कुमार का यह बयान तब आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को शिंदे गुट की याचिका पर सुनवाई जारी रखने की अनुमति दे दी है।
सीईसी ने बताया कि निर्वाचन आयोग के पास ‘बहुमत के नियम’ की एक पारदर्शी प्रक्रिया है और आयोग इस मामले में इसी का पालन करेगा। उन्होने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर एक सवाल के जवाब में कहा कि इसके लिए एक निर्धारित प्रकिया है, जिससे हमें अधिकार मिलता है कि हम बहुमत के नियम को लागू करके इसको पारदर्शी प्रक्रिया के तौर पर परिभाषित करें।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पढ़ने के बाद ही लिया जाएगा निर्णय
उन्होंने कहा कि जब भी हम इस मामले का संज्ञान लेंगे तब हम Rule Of Majority के आधार पर ही इसका निर्णय लेंगे। हालांकि इसके लिए हम पहले सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ेंगे उसी के बाद इसको लागू करेंगे। मालूम हो कि वह आगामी गुजरात चुनावों के बारे में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए गांधीनगर गए थे।