छत्तीसगढ़

16 जगह करेंगे ब्लास्ट… तमिलनाडु में धमकी भरा लेटर, भारत में PFI का प्लान 2047

नईदिल्ली I प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के लिए मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. पीएफआई की अबतक की सबसे बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. जांच अधिकारियों ने दावा किया है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन असल में, देश में हिंसा भड़काने की साजिश रच रहे थे. इतना ही नही तमिलनाडु में कई जगहों पर इसके कार्यकर्ता पेट्रोल बम से धमाके की साजिश में थे. पीएफआई के कार्यकर्ता तो हाई कोर्ट के जजों और वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बनाने की भी साजिश रची थी. संगठन के परिसर से छापेमारी के दौरान कथित रूप से 2047 के लिए तैयार किए गए प्लान एजेंसियों के हाथ आए हैं, जिससे कई खुलासे हुए हैं.

अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि पीएफआई राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में युवाओं को शामिल करने के लिए सोशल मीडिया का बड़े स्तर पर इस्तेमाल कर रहा था और इसके एक मॉड्यूल ने तमिलनाडु के पहाड़ी इलाके वट्टक्कनल में आने वाले विदेशियों, खासकर यहूदियों पर हमला करने की तैयारी भी कर ली थी. हालांकि रेड के बाद कई राज्यों में पीएफआई के कई कार्यालयों को सील कर दिया गया है और संगठन द्वारा की जाने वाली लेनदेन पर रोक लगा दी गई है.

पीएफआई के 2047 के प्लान का खुलासा

आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठन के साथ कथित संबंधों और देश में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने के आरोप में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर पांच साल का बैन लगा दिया है. इतना ही नहीं पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों की ऑनलाइन गतिविधियों पर भी रोक लगा दी गई है. गुरुवार को संगठन का ट्विटर अकाउंट बंद कर दिया गया है. ट्विटर पेज पर एक मैसेज में कहा गया, खाता बंद कर दिया गया है. पीएफआई के खाते को कानूनी मांग पर भारत में बंद कर दिया गया है.

महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख विनीत अग्रवाल ने दावा किया कि पीएफआई ने अपने सदस्यों को हेट क्राइम और टार्गेट किलिंग को अंजाम देने के लिए उकसाने की साजिश रची थी. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) रैंक के अधिकारी अग्रवाल ने बताया कि महाराष्ट्र में अपने हालिया अभियान के दौरान एटीएस ने पीएफआई से संबंधों के आरोप में गिरफ्तार लोगों के पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए, जिनमें से एक में संगठन के साल 2047 तक के खाके का जिक्र शामिल है.

पेट्रोल बम से धमाके की धमकी

अग्रवाल ने बताया कि जब्त दस्तावेजों के मुताबिक, पीएफआई के सदस्य अपने एजेंडे के तहत लक्षित हत्याओं की साजिश रच रहे थे. उन्होंने हालांकि, उन्होंने इसका कोई ब्योरा नहीं दिया. अग्रवाल के मुताबिक, एटीएस ने आरोपियों के पास से कुछ गैजेट भी जब्त किए हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद निरोधी एजेंसी इन गैजेट में मौजूद डेटा तक पहुंच हासिल करने की कोशिशों में जुटी है, ताकि पीएफआई की गतिविधियों के बारे में और भी जानकारी जुटाई जा सके. कई राज्य सरकारों ने भी पीएफआई और उसके सहयोगियों पर केंद्र के प्रतिबंध को लागू करने और संबंधित राज्यों के जिलाधिकारियों और पुलिस आयुक्तों को अधिकार देने के आदेश जारी किए हैं.

तमिलनाडु पुलिस ने कहा कि उन्हें एक चिट्ठी मिली है जिसमें कोयंबटूर के निकट स्थित पोल्लाची के 16 स्थानों पर पेट्रोल बम फेंके जाने की धमकी दी गई है. पुलिस ने कहा कि इसके बाद से इलाके की तलाशी ली जा रही है. पुलिस ने कहा कि उन्हें थाने में डाक से एक पत्र मिला जिसमें कहा गया, हम पुलिस के विरोध में नहीं हैं लेकिन हम कानून-व्यवस्था बिगाड़ना चाहते हैंय उन्होंने कहा कि पत्र कथित तौर पर एसडीपीआई और पीएफआई के नाम से भेजा गया है.

हाई कोर्ट के जजों, वरिष्ठ अधिकारियों पर हमले का प्लान

एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी की जांच के अनुसार, पीएफआई के एक मॉड्यूल ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के इरादे से हाई कोर्ट के न्यायाधीशों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और अहमदिया समुदाय के मुसलमानों पर हमला करने की भी साजिश रची थी. इस मॉड्यूल में करीब 15 युवा और दक्षिणी राज्यों में उनसे जुड़े लोग शामिल थे. इनमें अधिकतर पीएफआई के सदस्य या वे लोग शामिल थे, जो वैश्विक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का समर्थन करते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि मॉड्यूल ने महत्वपूर्ण लोगों और सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक और अन्य विनाशकारी चीजें इकट्ठा की थी और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश में थे. उन्होंने बताया कि मॉड्यूल – अंसार-उल-खिलाफा केरल – आईएसआईएस / आईएसआईएल में शामिल करने के लिए मुस्लिम युवाओं को भर्ती करने, उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करने, उकसाने और कट्टरपंथी बनाने के एक गुप्त अभियान में शामिल था. उन्होंने बताया कि इससे जुड़े लोग आईएसआईएस की विचारधारा को प्रमोट करने के लिए इंटरनेट आधारित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया करते थे.