छत्तीसगढ़

आरबीआइ आज कर सकता है नई दरों का एलान, रेपो रेट में हो सकती है बढ़ोतरी

नई दिल्ली । RBI आज नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी का एलान कर सकता है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक जो 28 सितंबर को शुरू हुई थी, उसके नतीजों की आज घोषणा की जाएगी। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक के बाद आज कई अहम फैसले होने की उम्मीद है।

मुद्रास्फीति के आंकड़े लगातार ऊपर रहने के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि आरबीआइ अपनी दरों में 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी कर सकता है। यूएस फेड द्वारा दरों में वृद्धि और महंगाई दर के सात फीसद से ऊपर बने रहने के चलते माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक प्रमुख नीतिगत दरों में वृद्धि कर सकता है। बता दें कि अब तक आरबीआइ रेपो रेट में 140 बेसिस का इजाफा कर चुका है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मई में रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट, जून में 50 और अगस्त में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है।

रेपो रेट में तीन बार बढ़ोतरी के बाद भी महंगाई पर लगाम कसती हुई दिखाई नहीं दे रही है। इसे देखते हुए यह पहले से अनुमान लगाया जा रहा है कि एमपीसी अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर दरों को बढ़ा सकता है। आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही इसका संकेत दे चुके हैं। हाल के दिनों में महंगाई में कोई खास कमी नहीं देखने को मिल रही है, ऐसे में दरों में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है।

फिर से रेपो रेट बढ़ा सकता है आरबीआइ

अगर वृद्धि हुई तो ब्याज दरें तीन साल के उच्च स्तर 5.9 प्रतिशत पर पहुंच जाएंगी। वर्तमान दर 5.4 प्रतिशत है। खुदरा मुद्रास्फीति पर आधारित उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई), जिसने मई में नरमी के संकेत दिखाना शुरू किया था, अगस्त में फिर से 7 फीसदी तक पहुंच गई है। आरबीआइ अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति तैयार करते समय खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। यूएस फेड ने लगातार तीसरी बार दरों में बढ़ोतरी की है। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के केंद्रीय बैंकों ने भी मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए दरों में बढ़ोतरी की है।

अगर बढ़ती हैं दरें तो क्या होगा बदलाव

बैंक अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से जिस दर पर कर्ज लेते हैं, उसे रेपो रेट कहते हैं। बाद में बैंक इसी हिसाब से ग्राहकों को कर्ज देते हैं। जब रेपो रेट कम होगा तो बैंकों को कम ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा। इससे वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज देते हैं। यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट में वृद्धि करता है तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और इसे वे अपने ग्राहकों को महंगा कर्ज देंगे। इसका मतलब यह है कि अगर आरबीआई रेपो रेट में बदलाव करता है तो उसका असर आम आदमी पर जरूर पड़ेगा।