छत्तीसगढ़

देश की सड़कों पर दौड़ेगी 5G-कनेक्टेड एंबुलेंस, डॉक्टर तक Live पहुंचेगा मरीज का हाल

नईदिल्ली I देश की सड़कों पर अब जल्द ही 5G कनेक्टेड एंबुलेंस दौड़ती हुई नजर आएगी. इस अत्याधुनिक 5जी-कनेक्टेड एम्बुलेंस में हाईटेक उपकरण लगे होंगे. यह एंबुलेंस आम एंबुलेंस से बिल्कुल अलग होंगी. शनिवार को 5G लॉन्चिंग के अवसर पर भारती एयरटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने 5जी से जुड़ी एम्बुलेंस का प्रदर्शन किया. अत्याधुनिक 5G एम्बुलेंस तमाम सुविधाओं से लैस होगी. इस एंबुलेंस में रिमोट लोकेशन के मरीजों को भी रियल टाइम में निगरानी की जा सकेगी. 5G एम्बुलेंस में वीडियो कॉल की सुविधा होगी. मरीज और डॉक्टर आपस में बातचीत कर सकेंगे.

इस 5G कनेक्टेड एंबुलेंस में डॉक्टर वीडियो कॉल के माध्यम से मरीज की वर्चुअल जांच कर सकते हैं और उनकी रिपोर्ट देख सकते हैं. एक ही समय में कई गांवों में चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं. इस अत्याधुनिक 5G एंबुलेंस ऑनबोर्ड कैमरा, कैमरा-आधारित हेडगियर और पैरामेडिक स्टाफ के लिए बॉडी कैम से लैस है. डॉक्टर अस्पताल में बैठे-बैठे एंबुलेंस में मरीज को लाइव देख सकेंगे. इस एंबुलेंस में मरीजों को लगेगा कि वो बिल्कुल किसी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती है. यह एंबुलेंस अस्पताल के एक इमरजेंसी वॉर्ड की तरह काम करेगी. एयरटेल, अपोलो हॉस्पिटल्स और सिस्को ने 5जी कनेक्टेड एम्बुलेंस बनाने के लिए हाथ मिलाया है.

इन सुविधाओं से लैस होंगी 5G कनेक्टेड एंबुलेंस

सिस्को सिस्टम्स के शंकर श्रीनिवासन ने 5G कनेक्टेड एंबुलेंस के बारे में जानकारी देते हुए बताया, पहले के एंबुलेंस और इस 5G एंबुलेंस में सबसे बड़ा अंतर यही है कि यह एडवांस है. पहले वाली एंबुलेंस में आप डिफाइब्रिलेटर मशीन (डिफाइब्रिलेटर ऐसे उपकरण होते हैं जो सामान्य दिल की धड़कन को बहाल करने के लिए दिल को एक इलेक्ट्रिक पल्स या झटका भेजते हैं) नहीं लगा सकते थे. मगर इसमें वो सुविधा है. उस एंबुलेंस में आर पेशेंट मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं लगा सकते थे.’ उन्होंने आगे बताया कि पुराने एंबुलेंस में अधिक से अधिक आप एक व्हाट्सएप कॉल सेट कर सकते हैं और डॉक्टर एक मोबाइल वीडियो के साथ मरीज को देख सकते हैं. मगर 5G एंबुलेंस में वह सब बदल गया है.’

डॉक्टर LIVE देख सकेंगे मरीजों का हाल

इस अत्याधुनिक एंबुलेंस में डॉक्टर मरीज को लाइव देख सकते हैं. इस दौरान मरीज की स्थिति बिगड़ने पर उसे संभाल भी सकते हैं. इस एंबुलेंस के अंदर पूरा आईसीयू (ICU) पूरा का सेटअप लगा होगा. डॉक्टर अस्पताल में बैठे-बैठे एंबुलेंस स्टॉफ को मरीज की स्थिती को देखकर बता सकते हैं कि कब क्या करना है. श्रीनिवासन ने आगे बताया, ‘5G के साथ आप पूरी एम्बुलेंस को मेडिकल इक्वीपमेंट से लोड कर सकते हैं. चाहे वह इंजेक्शन सिरिंज, पंप या ईसीजी मशीन या वेंटिलेटर वगैरह वगैरह कुछ भी हो. दूर के रोगियों को इस अत्याधुनिक एंबुलेंस से काफी मदद मिलेगी. कम से कम समय में उन मरीजों का इलाज संभव हो सकेगा, जो दूर दराज के इलाके में रहते हैं. इस एंबुलेंस में डेटा को भेजने की जो क्षमता है, वो आम एंबुलेंस से कहीं ज्यादा है. किसी भी तरह की कनेक्टेड एम्बुलेंस और 5G कनेक्टेड एम्बुलेंस के बीच यही मूलभूत अंतर है.’