मैनपुरी I इटावा के रहने वाले एक बुजुर्ग ने 45 रुपये चुराने के मामले में 24 साल तक मुकदमा लड़ा। मैनपुरी के सीजेएम कोर्ट में चले मुकदमे में बुजुर्ग द्वारा अपराध स्वीकार करने पर उसको चार दिन की सजा सुनाई गई। सीजेएम ने सजा सुनाने के बाद उसको जेल भेज दिया। चार दिन की सजा पूरी होने पर उसको जेल से रिहा कर दिया जाएगा।
इटावा के मोहल्ला भूरा के रहने वाले मन्नान के खिलाफ 17 अप्रैल 1998 को वीरेंद्र बाथम निवासी मोहल्ला छपट्टी थाना कोतवाली ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में मन्नान पर पुरानी तहसील के पास लैनगंज में वीरेंद्र की जेब से 45 रुपये चुराने की बात कही गई।
पुलिस ने मन्नान के पास से चोरी के 45 रुपये बरामद किए। 18 अप्रैल को पुलिस ने मन्नान को जेल भेज दिया। जेल में दो महीने 21 दिन तक रहने के बाद मन्नान की जिला जज की अदालत से जमानत मंजूर हो गई। पुलिस ने जांच करने के बाद मन्नान के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी। चोरी के मुकदमे की सुनवाई सीजेएम कोर्ट में हुई।
इसलिए नहीं हो पाया कोर्ट में हाजिर
सीजेएम कोर्ट से मन्नान के पहले सम्मन बाद में वारंट भेजे गए। जानकारी नहीं होने के चलते मन्नान कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। उसके कुर्की और गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए। जानकारी होने पर मन्नान कोर्ट में पहुंचा।
उसने अपने अधिवक्ता बीएच हाशमी के माध्यम से वारंट वापस लेने का प्रार्थनापत्र 27 सितंबर को दिया। सीजेएम भूलेराम ने उसको जेल भेज दिया। 28 सितंबर को मन्नान ने अपना अपराध स्वीकार करने का प्रार्थनापत्र कोर्ट में दिया। सीजेएम ने उसको चार दिन की सजा सुनाकर जेल भेज दिया।
वारंट नहीं हुए तामील
सीजेएम कोर्ट द्वारा जारी किए गए सम्मन तथा वारंट मन्नान पर तामील ही नहीं हुए। जिससे उसको मुकदमे की स्थिति की जानकारी नहीं हो सकी। पुलिस मन्नान को कोतवाली मैनपुरी क्षेत्र में तलाश करती रही। कोतवाली पुलिस द्वारा कोर्ट में दी गई रिपोर्ट में कहा कि कोतवाली क्षेत्र में भूरा नाम का कोई मोहल्ला ही नहीं है। जिससे मन्नान की जानकारी नहीं हो रही है।
एडवोकेट बीएच हाशमी ने बताया कि इटावा के रहने वाले मन्नान को मुकदमे के संबंध में लंबे समय तक सूचना नहीं मिली। जिससे वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो सका। 45 रुपये की चोरी करने के आरोप में मन्नान को 24 साल बाद सीजेएम कोर्ट से चार दिन की सजा मिली है।