हरियाणा I हरियाणा के यमुनानगर में रावण दहन के दौरान लोगों पर रावण का पुतला गिर गया। इसमें कुछ लोग घायल हो गए। हालांकि गनीमत रही कि एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। शहर के दशहरा ग्राउंड में रावण के जलते पुतले में से लकड़ी निकालना लोगों की जान के लिए आफत बन गया। लकड़ी निकालने के दौरान 70 फीट का पुतला गिर गया। जिसके नीचे सात लोग दब गए।
लोगों पर पुतला गिरता देख मैदान में चीख पुकार मच गई। वहीं पास जा रहे लोगों को रोकने का प्रयास कर रहे पुलिस कर्मचारी पुतले की चपेट में आने से बाल बाल बच गए। लापरवाही के इस हादसे में तीन लोगों को चोट लगने से सिर फट गए। जबकि दो के कपड़े जल गए। वहीं दो लोग पुतले में लगे पटाखों की चपेट में आने से झुलस गए। ऐसे में लोगों को काबू करने में पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। गनीमत रही कि हादसे में जान का नुकसान नहीं हुआ।
इसके बाद भी लोग नहीं माने और रावण के पुतले की लकड़ी लेने के लिए दौड़ते रहे। घायल लोगों को एंबुलेंस में पहुंचाया गया। लोगों पर पुतला देख वहां भगदड़ का माहौल बन गया, जिसे थाना शहर प्रभारी कमलजीत को पुलिस कर्मचारियों के साथ लोगों को वहां से खदेड़ना पड़ा। पुतले के नीचे दबने से सरोजनी कॉलोनी सुरेंद्र कुमार, पुराना हमीदा का विक्रम, बैंक कॉलोनी राकेश, बाड़ी माजरा के मोहित, दीपक घायल हो गए। पुतले के नीचे से निकलने के बाद सातों लोगों में दहशत व डर नजर आया।
हरियाणा फतेहाबाद में पुतला बीच में से टूटा, बाद में जेसीबी के सहारे उठाकर जलाया गया
हरियाणा के फतेहाबाद जिले में कई स्थानों पर बुधवार देर शाम को बुराई के प्रतीक रावण के पुतले जलाए गए। रावण का सबसे ऊंचा 70 फुट का पुतला गांव भिरड़ाना में महर्षि दयानंद स्कूल के पास मैदान में जलाया गया। इसके अलावा फतेहाबाद के हुडा सेक्टर की खाली जगह पर श्रीराम सेवा समिति की ओर से पुतला दहन किया गया।
यहां पुतला क्रेन से ऊंचा उठाते समय बीच में से टूटकर लटक गया। इससे पुतला दहन कार्यक्रम में विलंब हो गया। बड़ी मुश्किल से पुतले को जेसीबी के सहारे उठाकर दहन करवाया गया। विधायक दुड़ाराम ने पुतला दहन किया।
घरौंडा में लंकेश की तिरंगा पोशाक को लेकर विवाद, बदलना पड़ा रंग
असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक पर्व विजयदशमी पर लंकाधिपति रावण का पुतला अपनी तिरंगा पोशाक को लेकर विवादों में घिर गया। कुछ देशभक्तों ने दहन के लिए तैयार किए गए पुतले की पोशाक को तिरंगा बनाने का विरोध शुरू कर दिया।
एलान कर दिया कि इस पोशाक में रावण के पुतले का दहन नहीं होने देंगे तो श्रीराम लीला कमेटी में हड़कंप मच गया। आखिरकार, आनन-फानन में खड़े पुतले पर ही क्रेन की सहायता से पोशाक पर पेंट करके रंग को बदला गया। तब कहीं आक्रोश शांत हुआ और निर्धारित समय पर पुतला दहन हो सका।