छत्तीसगढ़

अमेरिका का जमकर छलक रहा पाकिस्तान प्रेम, अब PoK को लेकर कह दी बड़ी बात

नईदिल्ली I भारत को अपना अच्छा दोस्त बताने वाले अमेरिका की नजदीकियां लगातार पाकिस्तान के साथ बढ़ती जा रही हैं. इसका ताजा उदाहरण अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम का पीओके दौरा है, जिसको लेकर पाकिस्तान में यूएस एम्बेसी के एक ट्वीट ने भारत तक हलचल मचा दी. ट्वीट में पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) को ‘आजाद कश्मीर’ कहकर संबोधित किया गया है.  

दरअसल, अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने तीन अक्टूबर को पीओके क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान वे पीओके के मुजफ्फराबाद में स्थित मोहम्मद अली जिन्ना की याद में बने डाक बंगले पर भी पहुंचे. डोनाल्ड ब्लोम की यात्रा को लेकर यूएस एम्बेसी इस्लामाबाद की ओर से ट्वीट भी किया गया, जिसमें पीओके को आजाद कश्मीर बताया गया.

भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने पीओके को आजाद कश्मीर कहने पर ट्वीट करते हुए प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि भारत कई बार कह चुका है कि पीओके भारत का क्षेत्र है और हम चीन- पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का विरोध करते हैं, क्योंकि वह हमारी संप्रभुता को नुकसान पहुंचाता है, और यह बात अमेरिका को भी मालूम है.

पाकिस्तान के पूर्व राजनायिक अब्दुल बासित का बयान
पूर्व राजनायिक अब्दुल बासित ने कहा कि हमारे लिए सोचने की बात है कि अमेरिकी राजदूत ने पीओके को आजाद कश्मीर क्यों कहा? जबकि कश्मीर मामले में हमेशा अमेरिका बीच की स्थिति में रहा है और हमेशा भारत अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहकर कश्मीर के दोनों इलाकों को संबोधित करता आया है.

अब्दुल बासित ने कहा कि हो सकता है, वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलावों को देखते हुए अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान के साथ मसले हल होने चाहिए, जिसके बाद ये सुपरपावर बन रहे चीन को बेहतर तरह से काउंटर कर सकें .

अब्दुल बासित ने कहा कि यह भविष्य में ही देखना होगा कि अमेरिकी राजदूत ने जो पीओके को आजाद कश्मीर कहा है, इसके पीछे कोई बड़ा खेल है या उन्होंने वैसे ही कह दिया है. अमेरिकी राजदूत की पीओके यात्रा को लेकर अब्दुल बासित ने कहा कि भारत में भी अमेरिकी राजनायिक कश्मीर जाते थे, जिस पर पाकिस्तान ने अपनी नाराजगी भी समय-समय पर जताई है.

शहबाज शरीफ सरकार के साथ बढ़ रहीं अमेरिका की नजदीकियां

खास बात है कि पिछले कुछ दिनों की घटनाओं पर अगर नजर डालें तो यह पहली बार नहीं है, जब अमेरिका और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां नजर आई हैं. हाल ही में अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट फ्लीट के रखरखाव के लिए 450 मिलियन डॉलर की मदद दी गई थी. भारत ने जब इस पर आपत्ति जताई तो अमेरिका ने कहा था कि इस मदद में कोई नया हथियार या ताकत शामिल नहीं है.

गौर करने वाली बात यह भी है कि जब से पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार आई है, तबसे अमेरिका की दोस्ती पाकिस्तान से ज्यादा मजबूत हो रही है. इससे पहले पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार थी. इमरान खान ने कई बार अपनी सरकार गिरने के पीछे अमेरिका की साजिश बताई. जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप, दोनों अमेरिकी राष्ट्रपतियों के शासन में अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में इतनी मजबूती नहीं नजर आई, जितनी पिछले कुछ समय में देखने को मिल रही है. 

हालांकि, पाकिस्तान से बढ़ते रिश्ते के बीच अमेरिका भारत के साथ भी संबंध ठीक बनाए रखने की कोशिश करते हुए दो नाव पर सवार होने की कोशिश कर रहा है. इसी वजह से हाल ही में अमेरिका ने कहा था कि उसने पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर इसलिए नहीं दिए थे कि भारत को रूस से दोस्ती पर कोई संदेश दिया जाए.

अमेरिका का कहना था कि जब भी वह किसी से हथियारों में डील करता है तो आगे तक के लिए उसके रखरखाव का खर्चा भी मुहैया कराता है. हालांकि, भारत के विदेश मंत्री ने अमेरिका को कड़े तेवर दिखाए थे और कहा था कि बेवकूफ मत बनाइए, भारत जानता है कि पाकिस्तान को जो मदद की जा रही है, उसको वह कहां और किसके खिलाफ इस्तेमाल करेगा. 

अमेरिका पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों से भारत को चिंता ?
पाकिस्तान अमेरिका से हथियार खरीदता है. पाकिस्तान जैसे देशों के साथ हथियारों का काम बढ़ाना ही, अमेरिका की पुरानी नीति रही है. हालांकि, किसी ओर देश से भारत को कोई चिंता एक बार को न हो, लेकिन पाकिस्तान एक तरह से भारत का दुश्मन देश है और कई बार दोनों के बीच जंग या जंग जैसा माहौल हो चुका है. इंटरनेशनल स्तर पर भी दोनों देशों की लड़ाई जारी है. 

भारत अक्सर पाकिस्तान के आतंकवाद प्रेम का मुद्दा वैश्विक संगठनों के सामने उठाता हुआ आया है. खास बात है कि अमेरिका भी इस बात को जानता है कि पाकिस्तान अक्सर आतंकियों को पनाह देने वालों में शामिल रहा है. इसके बावजूद एफ-16 डील के बाद अमेरिका ने साफ कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एशिया में पाकिस्तान उसका बड़ा सहयोगी है.

 

जानकारों का तो यह भी कहना है कि अगर पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध और मजबूत होंगे तो पाकिस्तान और ज्यादा हथियारों की डील करेगा. अमेरिका इन हथियारों को कुछ भी सोचकर पाकिस्तान को बेचे, लेकिन इससे भारत की सुरक्षा चिंताएं और बढ़नी तय है.

हालांकि, अमेरिका इस बात को अच्छे से जानता है कि एशिया में चीन जैसे बड़े देश को काउंटर करने के लिए उसे भारत की हमेशा जरूरत रहेगी. इसी वजह से अमेरिका अपने पाकिस्तान से मजबूत हो रहे संबंधों के बारे में लगातार सफाई भी पेश कर रहा है.

अमेरिका से नजदीकियों का पाकिस्तान को क्या फायदा ?
एशिया में चीन को पाकिस्तान का हमदर्द कहा जाता है. लंबे समय से आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान को चीन ने समय-समय पर मदद भी की है. ऐसे में सवाल है कि अमेरिका से मजबूत हो रहे रिश्तों से पाकिस्तान को कितना फायदा मिलेगा, क्योंकि अमेरिका के जितने भी करीब पाकिस्तान हो जाएगा, उतना हो सकता है चीन उससे दूर होता जाएगा. 

हालांकि, पाकिस्तान दोनों ओर अपने रिश्तों को बनाकर रखना चाहेगा, क्योंकि जिस तरह की आर्थिक तंगी पाकिस्तान झेल रहा है, ऐसे दौर में अमेरिका जैसे सुपरपावर का करीब आना झोली भरने जैसा साबित हो सकता है. खास बात है कि पाकिस्तान चीन के कर्जे में डूब चुका है, जिसे चुकाने के लिए वह अमेरिका की ओर अपनी नजर रखेगा और बिलियन डॉलरों का IMF लोन लेने की कोशिश करेगा.