नईदिल्ली I अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि दुनिया भर की सरकारों को कदम उठाने की जरूरत है, क्योंकि वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने दुनिया भर में नीति बनाने वालों से इस संबंध में बड़े कदम उठाने को कहा है, जिससे वैश्विक मंदी के खतरा कम हो. उसका कहना है कि बार-बार आर्थिक झटकों से वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ा है.
अगले हफ्ते होने वाली आईएमएफ की सालाना बैठक से पहले, फंड की मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जो अभी चुनौतियां सामने आ रही हैं, उनका समाधान करके वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर किया जाए. इन चुनौतियों में उसने बढ़ती महंगाई को भी बताया है.
जॉर्जीवा ने कहा कि इस मुश्किल को खत्म करने के लिए सरकारों को साथ काम करने की जरूरत है, जिससे खतरनाक हालात बनने से बचा जा सके. लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि प्रक्रिया तकलीफ पहुंचाने वाली होगी. उन्होंने कहा कि अगर केंद्रीय बैंक कीमतों के दबाव को कम करने के लिए ज्यादा आक्रामक रूख अपनाएंगे, तो इससे लंबे समय तक आर्थिक सुस्ती पैदा हो सकती है. अगले हफ्ते वाशिंगटन में 180 से ज्यादा देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर मुलाकात करेंगे.
वेतन में मामूली बढ़ोतरी भी परेशानी की बात
इससे पहले IMF ने कहा कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के हाल में अपने मौद्रिक रुख को कड़ा किए जाने के कदम से ऊंची महंगाई को पैठ बनाने से रोकने में मदद मिलेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह बात कही है. आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊंची महंगाई और मामूली वेतन वृद्धि के मौजूदा संयोग से मजदूरी के साथ कीमतों में वृद्धि की चिंता बनी है. यह ऐसी स्थिति होती है, जिसमें कीमत और वेतन दोनों में लंबी अवधि के दौरान वृद्धि होती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई अर्थव्यवस्थाओं ने 2021 के बाद से महंगाई में तेज वृद्धि देखी है. कोविड-19 महामारी के बीच प्रतिकूल आपूर्ति झटकों की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था और श्रम बाजार पर बुरी तरह असर पड़ा है.