छत्तीसगढ़

शर्मनाक! फ्री ऑपरेशन के नाम पर निकाली बुजुर्ग की आंख, लगा दी कांच की गोली

रांची I झारखंड में डॉक्टरों की कारगुजारी का एक बेहद संगीन मामला सामने आया है. डॉक्टरों ने बुजुर्ग की आंख की रोशनी बेहतर करने के नाम पर ऑपरेशन कर असली आंख निकाल ली. साथ ही असली आंख की जगह कंचे की गोली लगा दी. ऑपरेशन के कुछ दिन बाद जब बुजुर्ग ने अपनी आंख खोली तो उसको कुछ दिखाई ही नहीं दिया. मामला जब उजागर हुआ तो बुजुर्ग का ऑपरेशन कराने वाली महिला आंगनबाड़ी सेविका फरार हो गई. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

दरअसल, मामला घाटशिला की उतरी मऊभंडार पंचायत के कीताडीह गांव का है. गांव निवासी गंगाधर सिंह (70) समेत कुल आठ लोगों को आंखों के ऑपरेशन के लिए 18 नवंबर 2021 को केसीसी आई हॉस्पिटल जमशेदपुर ले जाया गया था. सभी को गांव की एक महिला आंगनबाड़ी सेविका सोमवारी माली के सहयोग से ऑपरेशन के लिए उक्त अस्पताल में ले जाया गया था. ऑपरेशन होने के बाद गंगाधर सिंह घर लौट गए, लेकिन उनकी दाईं आंख में दर्द होने लगा. दर्द की शिकायत के बाद परिवार वालों ने अस्पताल में संपर्क किया तो दो माह तक गंगाधर सिंह का बिना परिवार के अकेले अस्पताल में इलाज किया गया.

आंख मसलते ही निकली गोली

इसके बाद फिर गंगाधर सिंह घर चले आए. एक दिन गंगाधर सिंह की दाईं आंख में एकाएक खुजली होने लगी तो उन्होंने अपनी आंख को मसला. आंख मसलते ही कांच की गोली निकलकर बाहर आ गई. इसके बाद गंगाधर सिंह घाटशिला के अनुमंडल अस्पताल में जांच कराने पहुंचे तो आंख निकालने का खुलासा हुआ. मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद सुर्खियों में छा गया. आंख के ऑपरेशन के नाम पर गड़बड़ी और धोखाधड़ी की शिकायत गंगाधर ने स्थानीय थाने में की.

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मामला काफी गंभीर है. अस्पताल के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. आगे भी जिस भी अस्पताल की इस प्रकार से संलिप्तता सामने आती है तो उस अस्पताल का झारखंड क्लीनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत लाइसेंस रद्द किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

आरोपी आंगनबाड़ी सेविका हुई फरार

वहीं मामला उजागर होने के बाद से कसीदा की रहने वाली महिला आंगनबाड़ी सेविका सोमवारी माली फरार हो गई. गंगाधर सिंह के अनुसार, सोमवारी माली ही सभी को ऑपरेशन के लिए उस अस्पताल में लेकर गई थी. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए जाने के बाद क्या कुछ कार्रवाई होती है और पीड़ित को न्याय मिलेगा या नहीं, ये देखना वाली बात होगी.