छत्तीसगढ़

क्या मुंबई हमले में आतंकियो को मिला था ISI का साथ? साजिद मीर से पूछताछ के लिए US को रोक रहा है PAK

नईदिल्ली I मुंबई हमलों का मास्टर माइंड आतंकी साजिद मीर से अमेरिकी खूफिया एजेंसी FBI पूछताछ करना चाहती है. पाकिस्तान पहले तो एक दशक तक कहता रहा कि मीर को मारा जा चुका है. लेकिन कुछ वक्त पहले ही पाकिस्तान की एक अदालत ने उसको 15 साल जेल की सजा सुनाई. मुंबई 26/11 हमले पर एफबीआई पूछताछ करना चाहती है मगर पाकिस्तान इसकी इजाजत नहीं दे रहा है. पाकिस्तान को डर है कि इससे टेरर लिंक का खुलासा हो जाएगा और दुनिया के सामने आतंक परस्त ये मुल्क बेनकाब कर दिया जाएगा. इस डर से आतंकी साजिद मीर को एक सेफ हाउस में छिपा रखा है.

भारत, अमेरिका और फ्रांस पाकिस्तान बेस आतंकी समूहों पर कार्रवाई करने पर प्रतिबद्ध हैं. भारत ने यूएन में भी कई बार इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया है. UNSC 1267 कमेटी मीर, लश्कर के अब्दुल रहमान मक्की और जैश के रऊफ अजहर जैसे आतंकवादियों पर वैश्विक स्तर लगाम लगाने के लिए कई बार प्रस्ताव लेकर आई मगर चीन हर बार रोड़ा बन जाता है. चीन यूएन में पाकिस्तान परस्त आतंक का हमेशा समर्थन करता है. उसकी वजह है भारत से उसका सीमा विवाद. अमेरिकी FBI आतंकी मीर से पूछताछ करना चाहती है मगर पाकिस्तान अपनी पोल खुलने के डर से इजाजत नहीं दे रहा है.

26/11 हमले के मास्टर माइंड पाक आतंकी साजिद मीर

26/11 हमले के मास्टर माइंड पाक आतंकी साजिद मीर वैश्विक स्तर पर बैन लश्कर-ए-तैयबा का टॉप टेररिस्ट है. 2008-2009 के बीच डेनमार्क के अखबार और उसके कर्मचारियों के खिलाफ आतंकी साजिश के लिए यूएस एफबीआई ने इसको मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल किया था. इलिनोइस की एक अदालत ने 22 अप्रैल 2011 को उसके खिलाफ वारंट जारी किया था. पाकिस्तान लगातार मीर के मारे जाने का दावा करता रहा. लेकिन बाद में पता चला कि पाकिस्तान की एक अदालत ने उसे 15 साल की सजा सुनाई है.

पाकिस्तान में सेफ हाउस में बैठा है आतंकी

पाकिस्तानी अखबारों के अनुसार उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में बताया गया है, जबकि खुफिया जानकारी से पता चलता है कि वह एक गेस्ट हाउस में पाकिस्तान की हिरासत में है. मुंबई हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों सहित 170 से अधिक निर्दोष मारे गए थे. यूएस एफबीआई ने मुंबई आतंकी हमले के लिए मीर से पूछताछ करने के लिए इस्लामाबाद से अनुमति मांगी, लेकिन पाकिस्तान इसकी इजाजत नहीं दे रहा. इसके पीछे का कारण ये है कि पाकिस्तान को डर है कि वह मुंबई को निशाना बनाने में लश्कर के नेतृत्व और पाकिस्तानी के बीच पूरे लिंक का खुलासा कर सकता है.

चीन हर बार रहा राह में रोड़ा

इस्लामिक जिहादी मीर भी आईएसआई की कराची परियोजना में शामिल था. इसमें धार्मिक रूप से कट्टरपंथी भारतीय नागरिकों को उनके मूल देश पर हमला करने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी. पाकिस्तान का भारत को मीर तक पहुंचने की अनुमति देने का कोई इरादा नहीं है, यह एफबीआई तक पहुंच को भी रोक देगा जैसा कि उसने पहले किया है. इस्लामाबाद को अपने अपने चहेते भाई चीन का समर्थन प्राप्त है. यूएनएससी समिति में अमेरिका और भारत मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव लाए थे लेकिन चीन ने वीटो लगातर इसे रोक दिया था. मीर के ऊपर पांच मिलियन अमरीकी डॉलर का इनाम है. मीर तेल अवीव के रडार पर भी है. क्योंकि इसने मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को सिर पर गोली मारने के लिए कहकर नरीमन पॉइंट पर चबाड हाउस में इजरायली बंधकों को मारने का आदेश दिया था.