छत्तीसगढ़

पार्टियों के फ्रीबिज पर SC का जल्द सुनवाई से इनकार, बहुविवाह-हलाला पर दिवाली के बाद सुनवाई

नईदिल्ली I चुनाव से पहले वादों के तौर पर राजनीतिक दलों द्वारा ‘फ्रीबिज’ की घोषणा विवाद का मुद्दा रहा है. सभी पार्टियां चुनाव से पहले जनता को रिझाने के लिए मुफ्त की रेवड़ियां या कहें मुफ्त की सौगातें देने का वादा करती हैं. चुनाव प्रचार का एक अहम हिस्सा ही इन सौगातों को माना जाता है. ‘फ्रीबिज’ का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. शुक्रवार को पार्टियों द्वारा मुफ्त की सौगातों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर शीर्ष अदालत से जल्द सुनवाई की मांग की गई. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “सुनवाई की जल्दी किसलिए हैं?”

याचिकाकर्ता ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों का हवाला दिया. उसने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आने वाले दिनों में चुनाव होने वाले हैं और राजनीतिक दल लगातार मुफ्त की घोषणाएं कर रहे हैं. इसपर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मैटर को हम चैंबर मे आज देखेंगे. फिर फैसला लेंगे कि इसपर सुनवाई कब की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 11 अगस्त की सुनवाई में कहा था कि मुफ्त की सौगातें और सामाजिक कल्याणकारी योजनाएं दो अलग-अलग चीजें हैं तथा अर्थव्यवस्था को पैसे के नुकसान एवं कल्याणकारी कदमों के बीच संतुलन कायम करना होगा.

आदर्श चुनाव संहिता में संशोधन का प्रस्ताव

वहीं, मुफ्त चुनावी सौगातों को लेकर देश में जारी बहस के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के सामने आदर्श चुनाव संहिता में संशोधन का एक प्रस्ताव रखा. आयोग ने इसके तहत चुनावी वादों की वित्तीय व्यवहार्यता के बारे में मतदाताओं को प्रामाणिक जानकारी देने को लेकर राजनीतिक दलों की राय मांगी है. आयोग ने कहा कि वह चुनावी वादों पर अपर्याप्त सूचना और वित्तीय स्थिति पर अवांछित प्रभाव की अनदेखी नहीं कर सकता है, क्योंकि खोखले चुनावी वादों के दूरगामी प्रभाव होंगे.

जजों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग

वहीं, एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जजों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को पहले इसपर विचार करने दें. वकील आश्वनी कुमार उपाध्याय ने शीर्ष अदालत से मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी. उपाध्याय ने कहा था कि कोर्ट ने दिवाली के बाद मामले की सुनवाई की बात कहीं थी, लेकिन उसको पहले सुना जाना चहिए. अदालत ने आश्वनी की यह अपील मानने से इनकार कर दिया.

बहुविवाह-हलाला पर दिवाली के बाद सुनवाई

बहुविवाह, हलाला, मुताह निकाह , मिसयार निकाह और शरिया कोर्ट को प्रतिबंधित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में दिवाली के बाद सुनवाई होगी. वकील अश्वनी उपाध्याय ने जल्द सुनवाई की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के जवाब के बाद सुनवाई होगी.

नलिनी और रविचंद्रन की रिहाई पर सुनवाई टली

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी मर्डर केस के दोषियों नलिनी श्रीहर और आरोपी रविचंद्रन की वक्त से पहले जमानत की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टल गई. कोर्ट में सोमवार को अगली सुनवाई होगी. तमिलनाडु सरकार ने शीर्ष अदालत में हल्फनामा दाखिल कर राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की वक्त से पहले रिहाई का समर्थन किया है. नलिनी श्रीहर और आरपी रविचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.

येदियुरप्पा भ्रष्टाचार मामला: CJI ने सुनवाई से खुद को किया अलग

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप के मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने पर सुनवाई से मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने खुद को अलग कर लिया है. CJI यूयू ललित ने कहा कि वह मामले की सुनवाई नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मामले को नई पीठ के सामने लाया जाएगा. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद आपराधिक शिकायत बहाल की गई थी.