जम्मू I दक्षिण कश्मीर के शोपियां में 60 घंटे के भीतर आतंकियों ने एकबार फिर टारगेट किलिंग को अंजाम दिया। सोमवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे एक टिन शेड में सो रहे उत्तर प्रदेश के दो श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी। इनकी शिनाख्त उत्तर प्रदेश के कन्नौज निवासी राम सागर व मनीष कुमार के रूप में बताई जा रही है। हालांकि इसकी किसी भी स्तर पर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोमवार की रात टिनशेड नुमा घर में सो रहे श्रमिकों पर आतंकियों ने पहले ग्रेनेड हमला किया। इसके बाद ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। घटना की सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इससे पहले शनिवार को आतंकियों ने शोपियां में ही कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह अपने सेब के बगीचे में जा रहे थे तभी आतंकियों ने उन्हें शिकार बना लिया था।
गार्ड ड्यूटी के सभी जवान अटैच
शोपियां जिले के चौधरी गुंड में कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट की हत्या में लापरवाही के आरोप में घटना के समय गार्ड ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर बटालियन से अटैच कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।
शोपियां के एक आला अधिकारी ने बताया कि घर के करीब ही पूरण कृष्ण को गोली मारी गई। इलाके में कुल 9 परिवार रहते हैं और उनके ‘क्लस्टर’ के बीच में ‘पांच प्लस एक’ की गार्ड है जो घटना के समय मौके पर तैनात थी। उन्होंने यह भी कहा कि घटनास्थल से 150 मीटर की दूरी पर सेना की राष्ट्रीय राइफल्स का कैंप भी है तो ऐसे में आतंकवादी कहां से आए, इसको लेकर जांच की जा रही है। ऐसा लगता है आतंकी सेब के बगीचों से होकर वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे।
एक अधिकारी ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिस कर्मी आर्म्ड पुलिस के थे जिन्हें अपनी बटालियन के साथ अटैच कर दिया गया है। विभागीय जांच में जल्द ही कुछ सामने निकल कर आता है तो वो साझा किया जाएगा।
दक्षिण कश्मीर के डीआईजी सुजीत कुमार ने माना था कि जिस समय हमला हुआ, वहां सिक्योरिटी तैनात थी। जिम्मेदार वे ही नहीं, बल्कि इस इलाके के अन्य अफसर भी हैं। गैर-विस्थापित कश्मीरी पंडितों की ‘कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति’ (केपीएसएस) ने इस घटना पर सवाल उठाते हुए इसे सुरक्षा में चूक ठहराया था।
संगठन के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने कहा कि अगर वहां गार्ड थे तो वो हमले के समय क्या कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस पहले से कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों को मूवमेंट न करने को कह रही थी। अगर उनके पास ऐसी किसी वारदात को अंजाम देने का इनपुट था तो इस घटना को सुरक्षा व्यवस्था में चूक नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे।
श्रीनगर में हुर्रियत कार्यालय के बाहर प्रदर्शन
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को आतंकी हमले में मारे गए कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट की हत्या के विरोध में सोमवार को श्रीनगर के राजबाग इलाके में ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) के कार्यालय के बाहर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने हुर्रियत कार्यालय के मुख्य गेट पर लगे बोर्ड को उतार फेंका।
बोर्ड उखाड़कर मेन गेट पर लिखा इंडिया
मेन गेट पर ‘इंडिया’ का भित्ति चित्र (ग्राफिटी) बना दिया। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली में पाकिस्तान दूतावास के बाहर भी प्रदर्शन करने की धमकी दी। यह प्रदर्शन ‘आखिर कब तक’ के बैनर तले किया गया और इसमें कश्मीरी पंडित, स्थानीय मुसलमान और अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
हाथों में ‘आखिर कब तक’ के प्लेकार्ड लिए प्रदर्शनकारियों ने मोमबत्तियां जलाकर भट को श्रद्धांजलि दी और एलजी और केंद्र सरकार से कश्मीरी पंडितों की हत्याओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।