नईदिल्ली I कांग्रेस में खरगे काल की शुरुआत हो चुकी है. मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने शशि थरूर के सामने एकतरफा जीत मिली है. खरगे की जीत के बाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी उनके घर पर गईं और बधाई दी. वहीं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी का अध्यक्ष उनकी भूमिका तय करेगा. खरगे को लेकर कहा गया कि वो गांधी परिवार के रबर स्टाम्प होंगे, लेकिन पार्टी की तरफ से ये मैसेज देने की कोशिश की गई है कि नया अध्यक्ष ही सर्वेसर्वा होगा.
खबरों से जानकारी मिली है कि अपनी जीत की घोषणा होने के बाद खरगे सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए 10 जनपथ जाने वाले थे, लेकिन उन्हें अपॉइंटमेंट नहीं मिला. सूत्रों का कहना है कि चर्चा के बाद ये तय किया गया कि खरगे 10 जनपथ नहीं आएं, बल्कि खुद सोनिया उनसे मिलने जाएंगी. इसके बाद मीटिंग को 10 जनपथ से 10 राजाजी मार्ग शिफ्ट किया गया. सोनिया और प्रियंका गांधी दोनों खरगे से मिलने पहुंचीं और उन्हें बधाई दी.
कांग्रेस में ये कम ही देखा जाता है कि आलाकमान किसी नेता के घर जाएं. ऐसे में सोनिया और प्रियंका का खरगे के यहां पहुंचना बताता है कि ये एक मैसेज देने की कोशिश है कि पार्टी में अध्यक्ष ही सर्वेसर्वा होगा.
कांग्रेस में अध्यक्ष सर्वोच्च अधिकारी: राहुल गांधी
इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस में अध्यक्ष सर्वोच्च अधिकारी हैं और वहीं आगे के रुख के बारे में फैसला करेंगे. एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि नए अध्यक्ष यह तय करेंगे कि मेरी भूमिका क्या है और मुझे क्या जिम्मेदारी दी जाएगी. राहुल से जब पूछा गया कि कि क्या वह नए अध्यक्ष को रिपोर्ट करेंगे तो उन्होंने कहा कि जाहिर है. नतीजों से पहले राहुल ने ये भी कहा कि खरगे और थरूर व्यापक अनुभव व समझ वाले लोग हैं. उन्हें मेरी सलाह की जरूरत नहीं.
राहुल ने ट्वीट कर खरगे को बधाई दी और कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे जी को कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई. कांग्रेस अध्यक्ष भारत के लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है. इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को संभालने जा रहे खरगे जी का व्यापक अनुभव और वैचारिक प्रतिबद्धता पार्टी के बहुत काम आएगी.
1969 में कांग्रेस में शामिल हुए खरगे
80 साल के खरगे को गांधी परिवार का विश्वस्त माना जाता है. कर्नाटक के खरगे 24 साल में गांधी परिवार के बाहर कांग्रेस के पहले अध्यक्ष हैं. राजनीति में 50 साल से अधिक समय से सक्रिय खरगे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष बनने वाले एस निजालिंगप्पा के बाद कर्नाटक के दूसरे नेता और जगजीवन राम के बाद इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे दलित नेता भी हैं. वो लगातार नौ बार विधायक रहे हैं. 1969 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और गुलबर्ग शहरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने. लोकसभा में 2014 से 2019 तक खरगे कांग्रेस के नेता रहे.