छत्तीसगढ़

BJP के संपर्क में नीतीश कुमार, प्रशांत किशोर का दावा- कभी भी मार सकते हैं पलटी

नईदिल्ली I राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. किशोर ने दावा किया कि नीतीश कुमार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संपर्क में हैं. अगर स्थिति की मांग हुई तो वह फिर से उस पार्टी के साथ गठजोड़ कर सकते हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) ने उनकी इस टिप्पणी को खारिज करते हुए इसे भ्रामक बताया और कहा कि इसका मकसद भ्रम फैलाना है. किशोर इन दिनों बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं और उनकी इस यात्रा को सक्रिय राजनीति में आने के पहले के कदम के तौर पर देखा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कुमार ने जेडीयू सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के जरिए बीजेपी के साथ संवाद के लिए एक रास्ता खुला रखा है. इस संबंध में हरिवंश को उनकी प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिला. लेकिन, उनकी पार्टी ने इस दावे को खारिज करते हुए जोर दिया कि कुमार फिर कभी बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएंगे. किशोर ने आगे कहा कि जो लोग यह सोच रहे हैं कि नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय गठबंधन बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं, वे यह जानकर चकित रहे जाएंगे कि उन्होंने बीजेपी के साथ रास्ता खुला रखा है. वह अपनी पार्टी के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के जरिए बीजेपी के संपर्क में हैं.’

बीजेपी की ओर वापस जा सकते हैं नीतीश

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि हरिवंश को इस कारण से अपने पद से इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा गया है, जबकि जेडीयू बीजेपी से अलग हो गई है. उन्होंने कहा, ‘लोगों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि जब भी ऐसी कोई परिस्थिति आती है, तो वह बीजेपी की ओर वापस जा सकते हैं और उसके साथ काम कर सकते हैं.’

जेडीयू ने किशोर की खिंचाई की और पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि कुमार ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह अपने जीवन में फिर कभी भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे. त्यागी ने कहा कि हम उनके दावे का खंडन करते हैं. कुमार 50 साल से ज्यादा समय से सक्रिय राजनीति में हैं, जबकि किशोर छह महीने से हैं. किशोर ने भ्रम फैलाने के लिए इस प्रकार की भ्रामक टिप्पणी की है. किशोर ने अपनी पदयात्रा दो अक्टूबर को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम से शुरू की थी. वह व्यवस्था में बदलाव की खातिर लोगों के समर्थन के लिए अगले 12-15 महीनों में 3,500 किलोमीटर की यात्रा करेंगे.