नईदिल्ली I शहर के झलवा स्थित ग्लोबल अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर में प्लेटलेट्स चढ़ाने के दो दिन बाद मरीज की मौत से हंगामा मच गया। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि प्लेटलेट्स के नाम पर डॉक्टरों ने मुसम्बी का जूस चढ़ा दिया। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया। जिस पर सीएमओ अस्पताल को सील कर दिया। दूसरी तरफ अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आरोप गलत हैं। मरीज को 16 अक्तूबर को ही रेफर कर दिया गया था। रेफर करने के दो दिन बाद मौत हुई है।
बमरौली निवासी प्रदीप पांडे को डेंगू के कारण 14 अक्तूबर को पीपल गांव के ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया था। वहीं 16 अक्तूबर को प्लेटलेट्स 17 हजार पहुंचने पर डॉक्टरों ने पांच यूनिट का इंतजाम करने को कहा। देर रात तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी।
इसके बाद 17 अक्तूबर की सुबह मरीज को दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया, जहां 19 अक्तूबर को प्रदीप की मौत गई। प्रदीप के साले सोहबतियाबाग के सौरभ त्रिपाठी ने जार्जटाउन में इस मामले की शिकायत की। उनका कहना था कि अस्पताल के ही कुछ लोगों ने उन्हें पांच हजार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से प्लेटलेट्स दी। यह भी कि प्लेटलेट्स के बैग पर एसआरएन अस्पताल का टैग लगा हुआ है।
सौरभ ने आरोप लगाया कि अस्पताल में प्लेटलेट्स की जगह मुसम्बी का जूस चढ़ाया गया। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कुछ ही देर में मामला डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक तक भी पहुंच गया। इसके बाद डिप्टी सीएम ने सीएमओ डॉ. नानक सरन को कार्रवाई के आदेश दिए। सीएमओ बृहस्पतिवार को अस्पताल को सील करते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी है। बची हुई प्लेटलेट्स ड्रग विभाग की लैब में जांच के लिए भेजी गई है।
प्रयागराज में झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल द्वारा डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मुसम्बी का जूस चढ़ा देने के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिए गए आदेशों के क्रम में तत्काल हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है एवं प्लेटलेट्स पैकेट को जांच के लिए भेजा गया है।
– ब्रजेश पाठक, डिप्टी सीएम
मुझे पैथोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ. वत्सला मिश्रा ने बताया कि प्लेटलेट्स अस्पताल से नहीं ली गई है। यह पूरी तरह से फर्जीवाड़ा है। इसी तरह बेली का टैग लगा ब्लड कुछ दिनों पहले पकड़ा गया था। – डॉ. एसपी सिंह, प्राचार्य, मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज
मुझसे अस्पताल प्रशासन ने आठ यूनिट प्लेटलेट्स की मांग की थी। अस्पताल के संचालक सौरभ मिश्रा व उनके पुत्र ने प्रति यूनिट पांच हजार रुपये के हिसाब से पांच यूनिट प्लेटलेट्स दी। जब प्रदीप की हालत बिगड़ी तो उन्हें रेफर कर दिया गया। – सौरभ त्रिपाठी, पीड़ित परिजन
मरीज पहले से हृदय रोगी था। प्लेटलेट्स स्वरूप रानी अस्पताल से मंगाई गई है। वहां के कागज व रसीद मेरे पास हैं। मरीज की मौत रेफर होने के दो दिन बाद हुई है। आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। – सौरभ मिश्रा, संचालक, ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर
मामला संज्ञान में आने के बाद डिप्टी सीएम के निर्देश पर तत्काल अस्पताल को सील कर दिया गया है। इसके अलावा प्लेटलेट्स के सैंपल को जांच के लिए ड्रग विभाग की लैब में भेजा गया है। – डॉ. नानक सरन, मुख्य चिकित्साधिकारी प्रयागराज।