रायपुर। एक दिन पहले ही गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से 135 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इसके बावजूद शहर के जिम्मेदार खारुन तट पर इसी तर्ज पर बने छह करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से लक्ष्मण झूले की मरम्मत को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि जिस एजेंसी ने इसका निर्माण किया है, उसे ही तीन वर्ष के लिए मेंटेनेंस की जिम्मेदारी दी गई थी। मेंटेनेंस की अवधि 2021 में ही खत्म हो चुकी है, लेकिन अब तक इसके लिए कोई एजेंसी तय नहीं की गई है। अधिकारी इसका निरीक्षण करने जाते हैं और जब सेतु में झुकाव ज्यादा महसूस होता है, तब इसकी मरम्मत कराते हैं। ऐसे में आगामी पुन्नी मेले को देखते हुए इसकी जल्द से जल्द मरम्मत कराने की जरूरत है।
पुन्नी मेले में पहुंचते हैं हजारों लोग
शहर के महादेव घाट के खारून तट पर हर वर्ष भव्य पुन्नी मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें हजारों लोग मेले का आनंद उठाने के साथ ही हटकेश्वर नाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसके बावजूद आगामी पुन्नी मेले को देखते हुए भी लक्ष्मण झूला की मेंटेनेंस के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किए गए। इसकी वजह से लोगों की जान खतरे में बनी रहती है।
180 मीटर लंबे पुल पर हजार लोगों की क्षमता
छह करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से बने झूले को बनाने के दौरान इसकी क्षमता की जांच की गई। हजार लोगों को खड़ा करवाने के साथ ही बोरियों में रेत भरकर भी इसकी क्षमता जांची गई। इसके बाद इस पुल की क्षमता प्रति व्यक्ति 50 किलो के हिसाब से औसत 50 टन की क्षमता तय की गई।
मेंटेनेंस में आता है पांच से आठ लाख का खर्च
अनुबंध के अनुसार पूर्व कंपनी इस पुल के मेंटेनेंस पर पांच से आठ लाख रुपये खर्च करती थी। मरम्मत केदौरान झूले के ज्यादा झुकने की स्थिति में इनके नट व स्क्रू टाइट किए जाते हैं। इसके अलावा अन्य किसी प्रकार के मरम्मत की जरूरत इस पुल में नहीं बताई जा रही है।
रायपुर जल संसाधन विभाग के ईई एसपी मिश्रा ने कहा, एक वर्ष से पुल की मेंटेनेंस अवधि खत्म हो चुकी है। मरम्मत के लिए प्रक्रिया जारी है। ईओआई मंगवाया जा रहा है, जल्द ही मेंटेनेंस की व्यवस्था कर ली जाएगी।
फैक्ट फाइल
2018 में निर्माण
611 लाख रुपये लागत
180 मीटर की लंबाई
15 मीटर की ऊंचाई
50 टन की क्षमता
3 वर्ष मेंटेनेंस का अनुबंध
5-8 लाख रुपये मेंटेनेंस का खर्च
एक वर्ष से मेंटेनेंस अवधि खत्म