छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : एक्सप्रेस ट्रेनों में 1,300 बर्थ लगाने के बाद भी यात्रा कष्टप्रद, त्योहारों में गए लोगों को घर वापसी के लिए नहीं मिल रही सीट

रायपुर । त्योहारों की समाप्ति के बाद लोग अब अपने गंतव्य की ओर लौटने लगे हैं। ट्रेनों के फुल होने की वजह से जिसको जहां जगह मिल रही है, वहीं बैठकर सफर करने को विवश हैं। जंक्शन से होकर गुजरने वाली सभी ट्रेनों में सवार होने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। भीड़ के कारण जनरल और स्लीपर क्लास में कोई अंतर नहीं रह गया है। जनरल बोगी में स्थिति यह है कि काफी मशक्कत के बाद भी कई रेल यात्री ट्रेन में सवार नहीं हो पा रहे हैं। ट्रेनों में दो माह पहले से ही नो रूम की स्थिति रही है। इसके चलते जिन यात्रियों ने पहले से वापसी का रिजर्वेशन नहीं कराया था, उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड रहा है।

बिलासपुर रेलवे जोन ने दुर्ग-नवतनवा, दुर्ग-बेतवा, दुर्ग-निजामुद्दीन, संपर्क क्रांति जैसी लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनें में अतिरिक्त कोच लगाकर 13 सौ बर्थ उपलब्ध कराया है, ताकि सफर करने में किसी तरह की दिक्कत न हो जो नाकाफी साबित हो रहा है। हालत यह है कि नवंबर के अंत तक सभी मुख्य ट्रेनों में वेटिंग है।

वेटिंग टिकट नहीं हो रही कंफर्म

दीपावली और छठ मनाकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि राज्यों से वापस लौटने वाले यात्रियों की टिकट कंफर्म नहीं हो पा रहा है। सैकड़ों यात्री बिना सीट के खड़े होकर सफर करने को मजबूर हैं। सारनाथ और साउथ बिहार एक्सप्रेस लगातार पैक चल रही है।

महीनेभर तक एक थर्ड एसी कोच

ट्रेनों में यात्रियों की लगातार बढ़ रही भीड़ को ध्यान में रखकर रेलवे प्रशासन ने विशाखापटनम से कोरबा के बीच चलने वाली लिंक एक्सप्रेस के यात्रियों को थोड़ी राहत दी है। अब इस ट्रेन में महीनेभर तक एक थर्ड एसी कोच की अतिरिक्त सुविधा यात्रियों को मिलेगी।

अतिरिक्त कोच लगाए गए हैंः

त्योहारी सीजन को ध्यान में रखकर एक्सप्रेस ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाकर 13 सौ बर्थ की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रेलवे प्रशासन की कोशिश है कि सफर करने में यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो।

शिव प्रसाद, वरिष्ठ प्रचार निरीक्षक, रेल मंडल, रायपुर