नईदिल्ली I भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप के सुपर-12 में चार में से तीन मैच जीत चुकी है। उसने बुधवार (दो नवंबर) को एडिलेड में बांग्लादेश को बारिश से प्रभावित मैच में डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर पांच रन से हरा दिया। इस मुकाबले में स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने 44 गेंद पर नाबाद 64 रन बनाए। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। कोहली के इस प्रदर्शन के बावजूद पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने एक मामले को लेकर उनकी आलोचना की है।
इस मैच के दौरान कोहली ने नो-बॉल को लेकर अंपायर से शिकायत की थी। उस घटना का जिक्र करते हुए गंभीर ने विराट पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “एक बल्लेबाज को अंपायर को नो बॉल के लिए नहीं बोलना चाहिए। उसे सिर्फ बल्ले से खेलने पर ध्यान देना चाहिए।”
गंभीर ने जिस घटना का जिक्र किया है वह भारतीय पारी के समय घटी थी। 16वें ओवर में विराट कोहली बल्लेबाजी कर रहे थे। गेंदबाजी लाइन पर हसन महमूद थे। उन्होंने एक बाउंसर की। इस पर कोहली ने बल्ला लगाते हुए एक रन ले लिया। उन्होंने इसके बाद अंपायर से नो-बॉल की मांग की। विराट के इशारा करते हुए अंपायर ने नो-बॉल दे दिया। इस पर बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन नाराज हो गए। वह अंपायर की ओर जाने लगे। इतने में कोहली उनके रास्ते में आ गए और उन्हें पकड़ लिया। शाकिब का गुस्सा समाप्त हो गए। दोनों फिर हंसते हुए दिखाई दिए।
कोहली की तारीफ भी की
ऐसा नहीं है कि गंभीर ने सिर्फ विराट की आलोचना की है। उन्होंने कोहली की बल्लेबाजी के लिए उनकी तारीफ भी की है। गंभीर ने कहा, ”विराट कोहली जानते हैं कि खिलाड़ियों के साथ कैसे साझेदारी बनाई जाती है। उन्होंने अंत में खेल को अच्छी तरह से खत्म किया। आज सूर्या (सूर्यकुमार) के आउट होने के बाद वह असली हीरो बन गए। यही कारण है कि वह बाबर आजम, स्टीव स्मिथ, केन विलियमसन और जो रूट जैसे खिलाड़ियों से बेहतर हैं।”
मैच में क्या हुआ?
बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। भारत ने 20 ओवर में छह विकेट पर 184 रन बनाए। जवाब में बांग्लादेश ने सात ओवर में बिना किसी नुकसान के 66 रन बना लिए थे। तभी बारिश आ गई। उस समय भारत मैच में डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर 17 रन से पीछे था। अगर मैच नहीं होता तो बांग्लादेश की टीम जीत जाती। ऐसे में भारत के लिए सेमीफाइनल की राह मुश्किल हो जाती।
हालांकि, बारिश ने टीम इंडिया पर मेहरबानी की और मैच दोबारा से शुरू हुआ। जब मुकाबला फिर से शुरू हुआ तो सारे समीकरण बदल गए। बांग्लादेश को जीत के लिए 16 ओवर में 151 रन का लक्ष्य मिला। इस तरह उसे नौ ओवर में 85 रनों की आवश्यकता थी, लेकिन बांग्लादेश की टीम 16 ओवर में छह विकेट पर 145 रन ही बना सकी। उसे डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर पांच रन से हार मिली।