नईदिल्ली I राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास बिगड़ती आबोहवा को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फौरन केन्द्र को कदम उठाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा ये समय राजनीति का नहीं है और न ही पराली जलाने के लिए किसान जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि पंजाब में पराली जल रही तो इसके लिए हम खुद जिम्मेदार हैं, क्योंकि वहां पर हमारी सरकार है. केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण पूरे उत्तर भारत की समस्या है. दिल्ली सीएम ने कहा कि इस मामले में किसानों के साथ मिलकर कई कदम उठाए जाएंगे और अगले साल तक इसके नतीजे दिख जाएंगे.
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट मामले में सुनवाई के लिए राजी हो गया है। प्रदूषण के मामले में 10 नवंबर को अदालत में सुनवाई होगी। गौरतलब है कि पिछल कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर की हवा प्रदूषण के कारण जहरीली हो गई है। कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 600 के आसपास है।
दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप का चौथा चरण लागू
वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी जोन में पहुंचते ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण लागू कर दिया। सीएक्यूएम की बैठक में सामने आया है कि अगले दो-तीन दिन वायु की गुणवत्ता गंभीर या बहुत गंभीर श्रेणी में रह सकती है। इस दौरान हवा की गति शांत रहेगी और पराली का धुआं भी बढ़ेगा।
6 नवंबर से सुधार की संभावना
कहा जा रहा है कि दिल्ली एनसीआर में 6 नवंबर से वायु की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। रविवार को ग्रेप की उप समिति एक बार फिर इन प्रतिबंधों की समीक्षा करेगी। सीएक्यूएम ने बुजुर्गों, बच्चों व सांस के मरीजों को जरूरत ना पड़ने पर घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी है।