रायपुर I छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उप चुनाव का शंखनाद हो चुका है। यहां पांच दिसम्बर को मतदान होना है। छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहब कंगाले ने शनिवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया, इस सीट के लिए 256 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। जहां एक लाख 97 हजार 535 मतदाता अपने वोट डालेंगे। यहां 69 केंद्र नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं।
आयोग ने अभी तक यहां पर मतदान का समय तय नहीं किया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहब कंगाले ने बताया, अभी वहां की सुरक्षा स्थितियों की समीक्षा की जानी है। उसके बाद मतदान का समय तय कर दिया जाएगा। यह समय 10 नवम्बर को जारी चुनाव की अधिसूचना के साथ घोषित किया जाना है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भानुप्रतापपुर सीट पर सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ था। वह दोपहर बाद 3 बजे खत्म हो गया। सामान्य सीटों पर यह मतदान शाम के 5 बजे तक चला। दुर्गम इलाकों में मतदान केंद्र होने और नक्सलियों के हमले की आशंका के चलते यह व्यवस्था बनाई गई थी। बताया गया, इस बार यहां पांच संगवारी मतदान केंद्र बनाए जाने हैं जो पूरी तरह महिला मतदान कर्मियों से संचालित होंगे। वहीं पांच आदर्श मतदान केंद्र भी बनाए जाएंगे। पिछले चुनाव में भी मतदान केंद्रों की संख्या 256 ही थी। इन केंद्रों पर एक लाख 95 हजार 678 मतदाताओं को वोट देना है। इनमें से 95 हजार 186 पुरुष, एक लाख 491 महिला और एक तृतीय लिंग का मतदाता है। 2018 के आम चुनाव में यहां एक लाख 90 हजार 164 वोटर पंजीकृत थे। यानी इन चार सालों में यहां पांच हजार 514 मतदाता बढ़े हैं।
3490 लोग सबसे यंग वोटर
निर्वाचन नामावली के मुताबिक कुल मतदाताओं में से 18-19 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 3 हजार 490 है। जिनमें एक हजार 840 पुरुष और एक हजार 650 महिलाएं हैं। यानी ये लोग पहली बार वोट डालने वाले हैं। इस क्षेत्र में 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या एक हजार 875 है। जिनमें 640 पुरुष और एक हजार 235 महिलाएं हैं। यहां सेवा मतदाताओं की संख्या 548 है। जिनमें 529 पुरूष तथा 19 महिला मतदाता है।
अंतिम एक घंटे में कोरोना संक्रमितों का मतदान
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया, चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपाय भी किये जा रहे हैं। इस बार कोरोना संक्रमित मतदाता के वोट के लिए मतदान का अंतिम एक घंटा अलग सुरक्षित किया गया है। इस दौरान केवल संक्रमित मतदाता ही वोट डालने आएंगे। कोरोना संक्रमित, संदिग्ध-प्रमाणित मतदाता, दिव्यांग मतदाता और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता को डाक मतपत्र से मतदान करने की सुविधा भी दी गई है।
ऐसा रहा है यहां मतदान का ट्रेंड
निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस सीट पर हर बार 70-80% मतदान होता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में 77.25% मतदान हुआ था। जबकि विधानसभा निर्वाचन 2013 में इस क्षेत्र मे 79.26% लोगों ने मतदान किया था। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी इस क्षेत्र से 71.09% मतदान हुआ था।
ऑनलाइन भी हो सकता है नामांकन, पांच हजार की जमानत देनी होगी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया, उम्मीदवारों को इस बार ऑनलाइन नामांकन और जमानत राशि जमा करने की सुविधा होगा। बस इस नामांकन फॉर्म का प्रिंटआउट और संबंधित दस्तावेज हार्डकॉपी में निर्वाचन अधिकारी को देना होगा।अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट होने की वजह से जमानत राशि के तौर पर केवल पांच हजार रुपए जमा कराया जाएगा। नामांकन के समय उम्मीदवार के साथ केवल चार व्यक्ति रिटर्निंग ऑफिसर के कक्ष में प्रवेश कर सकते हैं। इसके लिए अधिकतम तीन वाहनों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
चुनाव में 40 लाख रुपया तक खर्च कर सकते हैं उम्मीदवार
आयोग की ओर से बताया गया, चुनाव के लिए उम्मीदवार को एक अलग बैंक एकाउंट खोलना होगा। नामांकन पत्र दाखिल करते समय इस अलग बैंक एकाउंट का उल्लेख करना होगा। नामांकन की तारीख से लेकर परिणाम की घोषणा तक पूरा खर्च इसी एकाउंट के जरिए किया जाएगा। चुनाव में उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय की सीमा 40 लाख रुपए तय की गई है। अब तक यह 25 लाख रुपए तक थी। नामांकन पत्र दाखिल करते समय उम्मीदवार को अपनी समस्त चल-अचल संपत्ति की जानकारी शपथ पत्र पर देनी होगी।