छत्तीसगढ़

राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में नहीं शामिल होंगे उद्धव, लेकिन जाएंगे शरद पवार, आघाड़ी में दरार?

नईदिल्ली I उद्धव ठाकरे को लेकर एक अहम खबर सामने आ रही है. उद्धव ठाकरे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने नहीं जा रहे हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी की ओर से जोरदार तैयारियां शुरू हैं. उद्धव ठाकरे और शरद पवार को खास तौर से इसमें शामिल होने के लिए निमंत्रित किया गया है. लेकिन सूत्रों के हवाले से यह खबर है कि उद्धव इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे. आदित्य ठाकरे भी शुरू में इसमें शामिल ना होकर 9 नवंबर के बाद इसमें शामिल होंगे.

आदित्य ठाकरे वैसे भी उस वक्त बरसात और बाढ़ से प्रभावित किसानों से मिलने के लिए विदर्भ के दौरे पर होंगे. इसी दौरान वे राहुल गांधी से भी मुलाकात कर लेंगे. महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार गिरने के बाद उनकी एकता भविष्य में टिकेगी क्या? यह सवाल बार-बार उठाया जाता रहा है. महाविकास आघाड़ी में अंदर-अंदर क्या चल रहा है, यह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में साफ होने जा रहा है.

खड़ी हुई दीवार? कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में ठाकरे नहीं, दिखेंगे सिर्फ पवार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिक्चर पूरी क्लियर है कि शरद पवार राहुल की यात्रा में शामिल होंगे, उद्धव ठाकरे शामिल नहीं होंगे. आदित्य ठाकरे एक तरह से खानापूर्ति के लिए शामिल होने जा रहे हैं. शरद पवार 8 नवंबर को राहुल को ज्वाइन करेंगे. उद्धव ठाकरे के साथ अब बीमारी की वजह भी नहीं है, फिर वजह क्या है? जबकि शरद पवार बीमार हैं. वे शनिवार को ही मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से बाहर आए और सीधे अपनी पार्टी के दो दिनों के मंथन शिविर में शामिल होने शिरडी चले गए. इसके बाद वे शाम को मुंबई लौटे. पवार जब बीमार होकर भी इतनी दौड़भाग कर सकते हैं तो उद्धव ठाकरे आखिर राहुल की यात्रा में शामिल क्यों नहीं हो सकते?

नाना पटोले भी बोले, कांग्रेस के वैचारिक मित्र नहीं हैं ठाकरे

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी यह बयान दिया है कि शिवसेना उनकी वैचारिक मित्र नहीं है. यानी साफ है कि उन्होंने भी संकेत दे दिया है कि उद्धव ठाकरे राहुल गांधी का साथ देने या स्वागत करने आने वाले नहीं हैं.

कांग्रेस और शिवसेना में नहीं सब-कुछ ठीक, इन दो दिनों में बाहर आई टीस

शुक्रवार और शनिवार, इन दो दिनों में शिवसेना और ठाकरे गुट के बीच दूरियां साफ दिखाई दी हैं. ठाकरे गुट के सीनियर लीडर चंद्रकांत खैरे ने बयान दिया था कि अगर शिंदे गुट के 16 विधायकों की योग्यता सुप्रीम कोर्ट रद्द कर देता है तो फडणवीस ने कांग्रेस के 22 विधायकों को बीजेपी में शामिल करने के लिए तैयार कर रखा है. इस बयान से नाना पटोले भड़क गए थे. उन्होंने कहा था कि वे अपनी पार्टी को तो बचा नहीं सके, कांग्रेस के बारे में बोल रहे हैं. इसके बाद चंद्रकांत खैरे ने अपने बयान को लेकर शनिवार को खेद भी व्यक्त किया.

बीजेपी से जुड़ रही हैं ठाकरे गुट की नजदीकियां?

यानी महाविकास आघाड़ी मे दरार साफ दिखाई दे रहा है. दूसरी तरफ ठाकरे गुट की ओर से बीजेपी के बारे में बोलने से बचा जा रहा है. शनिवार को उद्धव ठाकरे ने अपने विधानसभ संपर्क प्रमुखों के साथ मीटिंग करते हुए मध्यावधि चुनाव की आशंका जताई, लेकिन बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ कुछ नहीं कहा. शनिवार को ही शाम पांच बजे उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और बालासाहेब ठाकरे के राष्ट्रीय स्मारक का उद्घाटन किया लेकिन पत्रकारोंं के पॉलिटिकल सवालों का जवाब नहीं दिया.

ठाकरे डबल गेम खेल रहे आघाड़ी को नहीं छोड़ रहे, बीजेपी से भी नाता जोड़ रहे

दूसरी तरफ कल (शुक्रवार) को आदित्य ठाकरे ने इंडिया टूडे कॉन्क्लेव में यह कहा कि उन्हें बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से कोई शिकायत नहीं है. ठाकरे गुट की तरफ से कभी पीएम नरेंद्र मोदी पर हमले नहीं किए गए हैं. इन बातों से यही संकेत मिल रहा है कि कहीं शिवसेना का ठाकरे गुट और बीजेपी एक बार फिर करीब तो नहीं आ रहे हैं. इन सब बातों से जो चीज समझ आ रही है, उससे यही लगता है कि ठाकरे अब डबल गेम खेल रहे हैं. वे आघाड़ी को भी नहीं छोड़ रहे हैं और बीजेपी से भी फिर नाता जोड़ रहे हैं.