छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : चार कंपनियों की खींचतान में बस्तर रेल चारों खाने चित, सरकार ने कहा- दिक्कतों के समाधान को तैयार

जगदलपुर। बस्तर-रायपुर रेलमार्ग परियोजना चार कंपनियों की आपसी खींचतान में चारों खाने चित हो गई है। रावघाट से जगदलपुर तक 140 किमी रेल पटरी बिछाने के लिए राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी), स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (सेल), इरकान इंटरनेशनल और छत्तीसगढ़ मिनरल डवलपमेंट कार्पोरेशन (सीएमडीसी) को मिलाकर एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड (बीआरपीएल) का गठन किया गया है। इन चारों कंपनियों में शुरू से सामंजस्य का अभाव रहा। इसका परिणाम यह रहा कि अब बीआरपीएल ने रेललाइन परियोजना से हाथ पीछे खींच लिया है।

बीआरपीएल ने रेलवे से कहा है कि वह इस परियोजना को अपने हाथ में ले ले। इन चारों कंपनियों के बीच जनवरी 2016 में शेयर होल्डिंग एग्रीमेंट हुआ था। इसके अनुसार एनएमडीसी की हिस्सेदारी 43 प्रतिशत, सेल की 21 प्रतिशत, इरकान की 26 प्रतिशत और सीएमडीसी छत्तीसगढ़ शासन की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत रखी गई थी। मई 2016 में बीआरपीएल का छत्तीसगढ़ में पंजीयन कराया गया। शुरू में तो कुछ काम हुआ परंतु डेढ़ वर्ष के बाद ही बीआरपीएल में शामिल चारों कंपनियों में विवाद बढ़ता गया। इसकी शुरुआत सेल ने की। 2018 में सेल ने बीआरपीएल से अलग होने की इच्छा व्यक्त की। कहा कि भिलाई स्टील प्लांट के लिए दल्ली राजहरा से रावघाट तक सेल अकेले रेलमार्ग बिछा रहा है।

राज्य सरकार की पहल पर केंद्रीय इस्पात मंत्रालय ने इस मामले में दखल दिया। चारों कंपनियों की दिल्ली में बैठक बुलाकर सुलह कराई गई। 21 की जगह 12 प्रतिशत हिस्सेदारी पर सेल बीआरपीएल में बने रहने को तैयार हुआ। सेल ने जो नौ प्रतिशत हिस्सा छोड़ा उसे एनएमडीसी को लेना पड़ा। इसके बाद बीआरपीएल में एनएमडीसी की हिस्सेदारी 43 से बढ़कर 52 प्रतिशत हो गई। इसके बाद दोबारा शेयर होल्डिंग एग्रीमेंट किया गया। दावा किया गया कि अब सब ठीक है।

सवालों के घेरे में इरकान की भूमिका

रेलमार्ग निर्माण का काम इरकान इंटरनेशनल को करना है। बस्तर जिले में भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में गड़बड़ी के लिए इरकान के अधिकारियों को जिम्मेदार माना गया। रेल के लिए संघर्षरत नागरिक संगठन और जनप्रतिनिधि इरकान को हटाकर बीआरपीएल में रेल विकास निगम लिमिटेड को शामिल करने की मांग करते रहे हैं। इसी वर्ष अप्रैल में जब रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ओडिशा के मलकानगिरी आए थे तब नागरिक संगठन के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात कर इरकान पर बस्तर रेल परियोजना की अनदेखी का आरोप लगाया था।

राज्य सरकार दिक्कतों के समाधान को तैयार

रायपुर-जगदलपुर रेललाइन परियोजना में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए राज्य सरकार तैयार है परंतु बीआरपीएल या रेलवे ने राज्य को कोई जानकारी या पत्र ही नहीं दिया है। प्रदेश में रेल परियोजनाओं का समन्वय कर रहे मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने कहा कि हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि बीआरपीएल ने काम रोक दिया है। साहू ने कहा रेललाइन बिछाने का काम रेलवे का है, राज्य सरकार उसमें सहयोग करती है।

फैक्ट फाइल

– नौ मई 2015- दंतेवाड़ा में रावघाट रेललाइन के लिए सेल, एनएमडीसी, इरकान और सीएमडीसी के बीच अनुबंध किया गया।

– 20 जनवरी 2016 को इन कंपनियों के बीच हिस्सेदारी को लेकर अनुबंध किया गया।

– पांच मई 2016 को बीआरपीएल का छत्तीसगढ़ में पंजीयन कराया गया।

– 31 मई 2016 को कंपनी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की पहली बैठक हुई।