बिलासपुर । मरवाही के पीपलामार गांव में गुस्र्वार को घायल अवस्था में मिले भालू को इलाज के लिए कानन पेंडारी जू लाया गया था। उसकी शनिवार की सुबह मौत हो गई। शार्ट पीएम में छोटी और बड़ी आंत में घाव और मौत का कारण दर्द की वजह से सेप्टीसीमिया को बताया गया है।
गुस्र्वार को मरवाही के पिपला गांव के जंगल में घायल भालू को देखा गया था। वह ठीक से चल नहीं पा रहा था। ग्रामीणों से जानकारी मिलने के बाद मरवाही डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने घायल भालू के रेस्क्यू के लिए कानन पेंडारी से टीम को बुलाया। बाद में कानन पेंडारी के डा. पीके चंदन के नेतृत्व में रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। पहले भालू को ट्रैंक्यूलाइज किया गया। उसे उपचार के लिए कानन पेंडारी जू लाया गया। शनिवार को भालू की मौत हो गई। कानन पेंडारी प्रबंधन ने बताया कि घायल नर भालू के पेनिस के पास पुरानी चोट होने के कारण कीड़े लग गए थे। इसके कारण भालू खुद को बार-बार नोंच रहा था। इसकी वजह से जख्म हो गया था। वह अगले दोनों पैरों का उपयोग कर पा रहा था, लेकिन पिछले दोनों पैरों का बिल्कुल उपयोग नहीं कर पा रहा था।
तीन डाक्टरों की टीम ने किया पोस्टमार्टम
पशु चिकित्सा जिला स्तरीय समिति के सदस्य डा. राम ओत्तलवार, डा. बंजारे और कानन पेंडारी जू में पदस्थ डा. पीके चंदन ने दोपहर एक बजे भालू का पोस्टमार्टम किया। इसमें छोटी एवं बड़ी आंत में घाव और आंत की वाल में खून पाया गया। डाक्टरों के अनुसार संभवत: लगातार पेट दर्द के कारण वह चलने में असमर्थ था। इसके चलते अपने पेट को नोंच कर जख्मी कर लिया था। पशु चिकित्सक समिति द्वारा प्रथम दृष्टया सेप्टीसीमिया को मौत का कारण बताया गया है।