रायपुर। रायपुर में अनियमित कर्मचारियों ने अपने नियमितीकरण की मांग के तहत आंदोलन तेज कर दिया है। शनिवार शाम रायपुर से चंदखुरी तक पदयात्रा निकाली गई। अब रविवार को प्रदेशभर के कर्मचारी रायपुर में जुटे हैं। मांग सिर्फ एक इन्हें नियमित किया जाए।
सबसे पहले छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले पदयात्रा का आयोजन किया गया। इसमें 54 विभागों के 45 हजार संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मनोकामना को लेकर प्रदर्शनकारी चंदखुरी में माता कौशल्या के दरबार पहुंचे। राजकीय गीत अरपा पैरी की धार गाते हुए कर्मचारी पदयात्रा निकालते दिखे। करीब 10 हजार के आस-पास कर्मचारी पैदल सफर करते हुए कौशल्या मंदिर गए और यहां नियमितीकरण का मनोकामना दीपक जलाकर मुराद मांगी कि इन्हें सरकार नियमित कर दे।
कर्मचारियों ने पैदल यात्रा निकाली।
महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेष तिवारी ने बताया कि, नियमितीकरण को लेकर 2018 में अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई थी और उस हड़ताल के दौरान आकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने सरकार बनने की स्थिति में 10 दिन के भीतर नियमितीकरण का वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ है। इस पद यात्रा में संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, सचिव श्रीकांत लाश्कर महासंघ के सूरज सिंह मौजूद रहे।
पूरे प्रदेश से राजधानी आए कर्मचारी
छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारी को नियमित करने, छटनी न करने एवं आउट सोर्सिंग बंद करने जैसी मांग को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं ने तो 10 में ही प्राथमिकता देकर इस परेशानियों को दूर करने का वादा किया था।
घोषणा पत्र में छटनी नहीं करने का वादा था, लेकिन कई विभागों में जैसे शिक्षा/पंचायत/ग्रामीण विकास/स्वास्थ्य विभाग से छटनियां कर दी गई हैं। इससे अनियमित कर्मचारियों में आक्रोश है। इस वजह से अब एक बार फिर कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग की ओर ध्यान दिलाने रविवार को प्रदेश के कर्मचारी रायपुर में जुटे हैं।
इस वजह से उम्मीद बढ़ी
सरकार ने दो महीने पहले प्रदेश के सभी विभागों से अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। इसके बाद खुद प्रदेश सरकार के मंत्री अमरजीत भगत ने दावा किया कि, प्रदेश के कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। बीते कुछ समय में राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब समेत कई राज्यों में संविदा कर्मचारियों को नियमित किया गया है। इससे प्रदेश के संविदा कर्मचारी भी आशान्वित हैं कि चुनावी वर्ष में इनकी निर्णायक संख्या को देखते हुए सरकार इनके नियमितीकरण के लिए कोई न कोई कदम जरूर उठाएगी।