नईदिल्ली I दिल्ली हाईकोर्ट ने श्रद्धा मर्डर केस की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसी कोई वजह नजर नहीं आ रही, जिसके चलते मामले को सीबीआई को दिया जाए. इसी के साथ हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है. अब तक की जांच में कोई खामी नहीं है. ऐसे में कोर्ट इस जांच को मॉनिटर भी नहीं करेगा. इस याचिका के जवाब में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की अगुवाई वाली टीम कर रही है. अब तक पुलिस ने करीब करीब 80 फीसदी जांच भी पूरी कर ली है.
दिल्ली हाईकोर्ट के एक वकील ने सोमवार को ही पीआईएल दाखिल की थी. वकील ने इस याचिका में दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसमें सबसे बड़ा आरोप मामले का मीडिया ट्रॉयल कराने को लेकर था. वकील ने कहा था कि पुलिस मामले से जुड़ संवेदनशील जानकारियां भी रोज रोज मीडिया में लीक की जा रही है. इसके अलावा इस वारदात के प्रमुख स्थानों को ना तो सील किया गया है और ना ही इन स्थानों पर आम आदमी की आवाजाही रोकने के लिए ही कुछ इंतजाम किए गए हैं. ऐसे में इन स्थानों पर मीडिया और आम नागरिक जाकर सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं.
याचिका में बताया था संसाधनों का अभाव
वकील ने अपनी याचिका में कोर्ट को बताया था कि श्रद्धा मर्डर केस एक तो छह माह पुराना है, दूसरे दिल्ली पुलिस के पास इस तरह के मामलों की जांच के ना तो विशेषज्ञ अधिकारी हैं और ना ही जरूरी संसाधन. ऐसे में सीबीआई ही मामले की सही तरीके से और कम से कम समय निष्पक्ष जांच कर पाएगी. वकील ने आशंका जताई थी कि दिल्ली पुलिस के भरोसे छोड़ने पर यह मामला भी आरुषि मर्डर केस की तरह से हो सकता है.
कोर्ट से निगरानी की मांग की
वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करते हुए श्रद्धा हत्या कांड को एक अहम केस बताया था. वकील ने अदालत से गुहार लगाई थी कि मामले में किसी तरह की राजनीति से बचने के लिए इसकी जांच कोर्ट की निगरानी में ही होनी चाहिए. हालांकि कोर्ट दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल जवाब को देखते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की बेहतर जांच कर रही है. इसमें कोर्ट की निगरानी की कोई आवश्यकता नहीं है.