छत्तीसगढ़

भारत बायोटेक की इंट्रानैसल फाइव आर्म्स बूस्टर खुराक को मिली मंजूरी, DCGI ने सीमित उपयोग की दी इजाजत

नई दिल्‍ली। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने भारत बायोटेक के इंट्रानैसल ‘फाइव आर्म्स’ बूस्टर खुराक को कोविड-19 के सीमित उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। सूत्रों की मानें तो अब इंजेक्शन की जगह नाक के रास्ते कोरोना वैक्सीन दी जाएगी।

भारत बायोटेक की इंट्रानैसल ‘फाइव आर्म्स’ कोविड बूस्टर खुराक को सीमित उपयोग के लिए मंजूरी मिल गई है। शुक्रवार को भारत के औषधि महानियंत्रक DCGI ने इस कोविड वैक्सीन को अपनी सहमति दे दी है।जानकारी के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन की यह बूस्टर खुराक इजेंक्शन की जगह नाक के माध्यक से दी जाएगी। भारत बायोटेक का दावा है कि यह नेजल डोज अब तक इस्तेमाल की जा रहीं कोरोना वैक्सीन से अलग और ज्यादा प्रभावी है।

ये बातें इस वैक्सीन को बनाती हैं बेहद खास 
भारत बायोटेक द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक यह नेजल वैक्सीन, अब तक प्रयोग में लाई जा रही अन्य वैक्सीन्स से काफी अलग और प्रभावी है। कुछ बातें इसे बेहद खास बनाती हैं। 

  • यह वैक्सीन चूंकि नाक के माध्यम से दी जाती है जो नाक के भीतर प्रतिरक्षा प्रणाली तैयार करके वायरस के प्रवेश करते ही उसे निष्क्रिय कर देगी।  
  • अब तक दी जा रही वैक्सीन्स से अलग, इसके लिए निडिल की आवश्यकता नहीं होगी।
  • इसे उपयोग में लाना भी आसान है घर पर भी इसको प्रयोग किया जा सकेगा। इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की आवश्यकता भी नहीं है।
  • सुई से संबिधित जोखिमों जैसे संक्रमण, या वैक्सीनेशन के बाद होने वाले दर्द से मुक्ति मिलेगी। 
  • सबसे खास बात यह वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही मारने की क्षमता वाली है, ऐसे में इससे शरीर के अंगों को होने वाली समस्याओं का जोखिम नहीं होगा।