छत्तीसगढ़

नवजोत सिद्धू को 26 जनवरी को रिहा करने की तैयारी, सजा के दौरान 34 किलो वजन किया कम

नईदिल्ली I चौंतीस साल पुराने रोड रेज मामले में पटियाला जेल में करीब साढ़े छह महीने से सजा काट रहे पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को समय से पहले जेल से रिहा किया जा सकता है। जेल प्रशासन ने सिद्धू के अच्छे आचरण को लेकर सकारात्मक रिपोर्ट दी है। हालांकि सरकार इसकी पुष्टि नहीं कर रही है, लेकिन जेल महकमा इस तैयारी में लगा है। गणतंत्र दिवस पर वे जेल से बाहर आ सकते हैं। इसे लेकर अधिकारियों में मंथन भी शुरू हो गया है।

सिद्धू के समय से पहले जेल से बाहर आने के पीछे भी तीन प्रमुख वजह हैं। सबसे पहली बात यह है कि उनका जेल में आचरण काफी अच्छा रहा है। जेल में उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई, उसे पूरी तनदेही से पूरा कर रहे हैं। वे वहां पर क्लर्क का काम कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने कोई छुट्टी तक नहीं ली है।

ये सब बातें उनके पक्ष में हैं। वहीं, जेल में उनके अब तक साढ़े छह महीने पूरे हो चुके हैं, जनवरी तक सजा नौ महीने पूरी हो जाएगी। ऐसे में उन्हें वैसे भी राहत मिल सकती है। वहीं, दूसरी तरफ चर्चा है कि कुछ दिन पहले उनसे मिलने उनके एक मित्र पटियाला जेल गए थे। उन्होंने मुलाकात के बाद इस बात के बारे में बताया है।

याद रहे कि रोड रेज के 34 साल पुराने मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई गई थी। 1988 में पंजाब में हुई रोड रेज की एक घटना में सिद्धू के मुक्के के प्रहार से एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले सिद्धू को गैर-इरादतन हत्या से बरी कर दिया था और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन इस मामले में रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई करते हुए अब शीर्ष अदालत ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्होंने 20 मई, 2022 को आत्मसमर्पण कर दिया था।

सिद्धू की लोकसभा चुनाव में होगी अग्निपरीक्षा

सिद्धू के जेल से बाहर आने पर पार्टी उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी दे सकती है। यह संकेत पार्टी की सीनियर नेता प्रियंका गांधी द्वारा सिद्धू को पत्र लिखे जाने से साफ हो चुका है क्योंकि विधानसभा चुनाव में पार्टी को काफी नुकसान हुआ था। पार्टी हार के बाद पूरी तरह बिखर गई थी। हालांकि पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग व प्रताप सिंह बाजवा मोर्चा संभाले हुए हैं लेकिन इनके आने के बाद पार्टी में नई जान आएगी। इसके अलावा पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनानी होगी। यह चुनाव सिद्धू के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा।

जेल जाते ही सिद्धू हो गए पूरी तरह फिट

जेल में बंद चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू अपनी सेहत को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने छह महीनों में करीब 34 किलोग्राम वजन कम किया है। अब उनका वजन करीब 99 किलो रह गया है। वे जेल में कम से कम चार घंटे मेडिटेशन व दो घंटे योग करते हैं और चार घंटे तक पढ़ाई करते हैं। वे दिन में केवल दो बार भोजन करते हैं। शाम छह 6 बजे के बाद वे कुछ भी नहीं खाते हैं।

जेल में सिद्धू का आचरण काफी अच्छा

सरकार की तरफ से अभी तक सिद्धू की सजा माफ करने के लिए किसी तरह कोई प्रस्ताव नहीं बनाया गया है। हालांकि सिद्धू का कैदी के रूप में आचरण काफी अच्छा रहा है। उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई, उसे वे पूरा कर रहे हैं। वहीं वे नियमित सजा काट रहे हैं।
– हरजोत सिंह बैंस, जेल मंत्री पंजाब।

कानूनी पक्ष

समय पूर्व रिहाई के लिए विचार करते हुए अपराध की गंभीरता अहम विषय होती है। साथ ही इस बात पर भी गौर किया जाता है कि क्या अपराध योजना बनाकर और किसी उद्देश्य से किया गया है। दोषी करार देने के बाद कैदी के तौर पर जेल में उसका व्यवहार व सामाजिक व्यक्तित्व पर गौर किया जाता है। रोड रेज केस में 1 साल की सजा काट रहे नवजोत सिंह सिद्धू के मामले में सभी कारक उनके पक्ष में हैं और यदि उनके नाम को प्रस्तावित किया जाता है तो इसे मंजूरी मिलने की संभावना अधिक है।
– एडवोकेट लेखराज शर्मा, पूर्व चेयरमैन बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा