नईदिल्ली I सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1994 के इसरो जासूसी मामले में केरल हाईकोर्ट की ओर से नंबी नारायणन से जुड़े ISRO साजिश मामले में चारों आरोपियों को दी गई अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट से इस मामले में फिर से सुनवाई करने को कहा है. यह मामला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को कथित रूप से फंसाने से जुड़ा है.
नंबी नारायणन को पाकिस्तानी जासूस बनाकर जेल में ठूंस दिया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल हाईकोर्ट चार हफ्तों में जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई कर फैसला ले. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पांच हफ्तों तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी. शीर्ष अदालत ने जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते समय संकेत दिया था कि मामले को फिर से देखनेके लिए केरल हाईकोर्ट वापस भेजा जा सकता है.
आरोपियों की जमानत को चुनौती
सीबीआई ने केरल हाईकोर्ट द्वारा केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज सहित आरोपियों को मिली जमानत को चुनौती दी गई है. मामले के अन्य आरोपी पीएस जयप्रकाश, थम्पी एस दुर्गा दत्त, विजयन और आरबी श्रीकुमार हैं. नंबी नारायणन की जिंदगी पर हाल ही में ‘रॉकेट्री’ नाम से फिल्म भी बनी है, जिसे एक्टर आर. माधवन ने डायरेक्ट किया था. नंबी नाराणन की भूमिका में भी वही दिखाई दिए थे. फिल्म रिलीज होने के बाद से नंबी नारायण को लेकर देश में फिर से चर्चा शुरू हो गई थी. इस फिल्म में उनके इसरो वैज्ञानिक के रूप में सफलताएं और बाद में साजिश के तहत उन्हें फंसाए जाने को दिखाया गया है. कई दिन जेल में काटने के बाद और अदालत में लंबी लड़ाई लड़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ सभी आरोपों को खारिज कर दिया था.
ये लगे थे आरोप
नंबी नारायणन ने इसरो में रहते हुए कई अहम खोज की और स्पेस साइंस के क्षेत्र में अहम योगदान दिया था. मगर अचानक से वह एक साजिश का शिकार हो गए. 1994 में उन पर भ्रष्टाचार और पाकिस्तान के लिए जासूसी का आरोप लगा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर आरोप लगे कि वह रॉकेट व उपग्रह से संबंधित गोपनीय जानकारी को भारत के बाहर भेजते थे. उन्हें कई दिनों तक जेल में रहना पड़ा. बताया जाता है कि उन्हें काफी टॉर्चर भी किया गया.