छत्तीसगढ़

भारत कैसे बने खेलों का पावर हाउस? गंभीर ने दिया मंत्र, BCCI को भी दी सलाह

नईदिल्ली I भारत के बारे में कहा जाता है कि ये देश क्रिकेट में काफी आगे है लेकिन ओलिंपिक खेलों में पीछे है. ये बात काफी हद तक सही भी है क्योंकि ओलिंपिक में भारत अभी तक कुछ खास कमाल नहीं कर पाया है. ओलिंपिक में पदक लाना भारत में बहुत बड़ी बात मानी जाती है वहीं चीन, अमेरिका जैसे देश ओलिंपिक में पदकों की लाइन लगा देते हैं. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भारत को खेलों में पावर हाउस बनाने का एक फॉर्मूला बताया है.

गंभीर वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारत को दो विश्वकप दिलाने में अहम रोल निभाया. भारत ने जब 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पहला टी20 विश्व कप जीता था तब गंभीर ने फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ अर्धशतक जमाया. 2011 में भारत ने धोनी की ही कप्तानी में वनडे विश्व कप जीता था. इस विश्व कप के फाइनल में गंभीर ने श्रीलंका के खिलाफ 97 रनों की पारी खेली थी.

हर राज्य को लेनी होगी जिम्मेदारी

गंभीर FICCI के एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे तब उनसे खेलों के बारे में सवाल पूछा गया. इस पर गंभीर ने कहा कि जिस तरह से ओडिशा ने हॉकी को स्पांसर किया और इससे फायदा हुआ इसी तरह बाकी राज्यों को दूसरे ओलिंपिक खेलों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

गंभीर से सवाल पूछा गया कि खेलों में किस तरह के निवेश की जरूरत है जिससे आने वाले दिनों में फायदा होगा? इस पर गंभीर ने कहा, “मैं कुछ दिनों पहले ही किसी से इस बारे में चर्चा कर रहा था कि क्या किया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि हर राज्य को एक खेल बन जाना चाहिए. ओडिशा ने हॉकी को संभाला, देखिए हॉकी कहां पहुंच गया. आज अगर आप ओडिशा की बात करते हैं तो आपके दिमाग में सबसे पहली चीज हॉकी आती है. मुझे पता है कि खेल मंत्रालय काफी कुछ कर रहा है. कॉर्पोरेट्स आ रहे हैं वो काफी कुछ कर रहे हैं.”

गंभीर ने आगे कहा, “लेकिन जरा सोचिए की हर राज्य एक खेल बन जाए और पूरी तरह से उसी पर ध्यान दे. उदाहरण के तौर पर हरियाण कुश्ती को ले ले, असम फुटबॉल को ले ले. सोचिए फिर हमारे देश में ओलिंपिक स्पोर्ट्स कहां जाएंगे.”

बीसीसीआई को दी नसीहत

गंभीर ने इसके लिए बीसीसीआई को भी नसीहत दी और कहा है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड को भी अपने रेवेन्यू का आधा ओलिंपिक स्पोर्ट्स के विकास में लगाना चाहिए क्योंकि बीसीसीआई की आधी कमाई क्रिकेटरों के लिए पर्याप्त है.गंभीर ने कहा, “बीसीसीआई को अपने रेवेन्यू का 50 प्रतिशत ओलिंपिक खेलों को देना चाहिए, ये मेरा मानना है. क्योंकि 50 प्रतिशत जो रेवेन्यू बचेगा वो क्रिकेटरों के लिए काफी है. अभी हम ओलिंपिक में ज्यादा पदक न मिलने की शिकायत करते हैं हो सकता है कि हम फिर अलग तरह की चर्चा करें.”