शिमला। हिमाचल में नादौन से चौथी बार विधायक बने सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। नेता प्रतिपक्ष रहे मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेश में पहली बार उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। दो दिन तक चली लंबी जद्दोजहद के बाद शनिवार देर शाम कांग्रेस हाईकमान ने यह निर्णय लिया।
इस दौरान विधानसभा परिसर शिमला के बाहर प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने प्रतिभा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए। इस कारण विधायक दल की बैठक भी देर से शुरू हुई। सहमति बनने के बाद सुक्खू व अग्निहोत्री के साथ केंद्रीय पर्यवेक्षक एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, तेजेंद्र पाल बिट्टू, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल व प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह राज्यपाल से मिलने राजभवन गए।
कल डेढ़ बजे होगा शपथ ग्रहण समारोह
बता दें कि आज रविवार को दोपहर डेढ़ बजे रिज मैदान पर दोनों नेता शपथ ग्रहण करेंगे। इस दौरान राहुल गांधी भी उपस्थित रहेंगे, जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के आने की भी सूचना है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रशासन ने शनिवार रात ही तैयारी शुरू कर दी गई।
शुक्रवार शाम विधायक दल की बैठक में सिंगल लाइन प्रस्ताव पारित कर हाईकमान को मुख्यमंत्री चुनने के लिए अधिकृत किया था, लेकिन मल्लिकार्जुन खरगे के दिल्ली से बाहर होने के कारण रणनीति बदलनी पड़ी। शनिवार सुबह विधायकों की राय ई-मेल से हाईकमान को भेजी गई। शाम को विधानसभा परिसर में विधायक दल की बैठक बुलाई। बैठक के दौरान मुकेश अग्निहोत्री बाहर आ गए थे, लेकिन फिर अंदर चले गए।
वरिष्ठता में पिछड़ गए विक्रमादित्य सिंह
सिसल होटल में हुई बैठक में विक्रमादित्य सिंह का नाम भी उपमुख्यमंत्री के लिए तय माना जा रहा था, लेकिन बाद में अन्य विधायकों से कनिष्ठ होने पर दौड़ में पिछड़ गए। प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य के समर्थकों ने विधानसभा परिसर के बाहर धरना दिया। वे मांग कर रहे थे कि प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाए। विधानसभा परिसर में घुसने से पहले उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। बाद में विधानसभा परिसर में पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। डीजीपी संजय कुंडू के पहुंचने के बाद पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें वहां से हटाया।