नईदिल्ली I गाजियाबाद के मुरादनगर में एक करोड़ रुपये के लिए की गई पीएचडी के छात्र अंकित खोखर की हत्या के मुख्य आरोपी मकान मालिक उमेश शर्मा और उसके मौसेरे भाई प्रवेश को पुलिस ने बृहस्पतिवार दोपहर कोर्ट में पेश किया। दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस गंगनहर और ईस्टर्न पेरिफेरेल एक्सप्रेसवे पर फेंके गए शव के टुकड़ों को नहीं ढूंढ पाई है। उमेश को रिमांड पर लेकर इन्हें बरामद करने का प्रयास किया जाएगा। उमेश ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने चार अक्तूबर मोदीनगर की गोविंदपुरी की दुकान से आरी, राजचौपला से टेप और पॉलिथीन खरीदी थी। उमेश का वजन काफी ज्यादा था, उसके लिए अकेले शव ठिकाने लगाना मुश्किल था। इसलिए, टुकड़े किए। पहले गर्दन काटी फिर दोनों हाथ अलग किए। इसके बाद धड़ के कुछ हिस्से सहित पैर काट दिए। कुल पांच टुकड़े हुए। हाथ और पैर को एक जगह जबकि धड़ और सिर को अलग-अलग पॉलिथीन में पैक किया।
मुझे कोई पछतावा नहीं
उमेश ने जेल जाने से पहले मोदीनगर थाने में मीडियाकर्मियों के सामने कहा कि उसे कोई पछतावा नहीं है। कर्ज बहुत हो गया था। उसने लोगों से 30 लाख से ज्यादा रुपये ले रखे थे। वे लोग उसे छोड़ते नहीं।
उनका पैसा लौटाने के लिए हत्या करनी पड़ी। अंकित की हत्या के बाद शव के टुकड़े फेंकने के लिए उमेश उसका ही मोबाइल फोन साथ में लेकर गया। उसने खुद का फोन नहीं रखा। उसने पुलिस को बताया कि ऐसा इसलिए किया क्योंकि उसे मालूम था कि पुलिस फोन को लोकेशन निकालेगी। ऐसे में पुलिस सोचती कि अंकित ही वहां से होकर गुजरा है।
अस्पताल में सीखा आरी चलाना
उमेश ने बताया कि वह दो साल पहले जब हड्डी रोग विशेषज्ञ के यहां कंपाउंडर था, तब प्लास्टर काटने का काम उसी के पास था। वह आरी से प्लास्टर काटता था। इसी से वह आरी चलाने में दक्ष हो गया। हत्या कर शव के टुकड़े करने के लिए उसके दिमाग में आरी ही आई। उसे डॉक्टर ने उसकी गलत आदतों के कारण नौकरी से निकाला था।
दोस्तों ने की गुनहागारों को फांसी देने की मांग
अंकित के दोस्तों ने उसके हत्यारों को फांसी देने की मांग की है। फेसबुक पर प्रशांत सांगवन ने लिखा, आरके सिंह हॉस्टल, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के साथी और सांख्यिकी विभाग के पूर्व छात्र मित्र अंकित का यूं चले जाना अत्यंत ही पीड़ाजनक है।
हम सभी मित्रों को पिछले दो महीने से लग रहा था कि उसके बारे में कुछ पता लग सके, अनहोनी की आशंका भी थी। सभी शुभचिंतकों डॉ. रुपेश, डॉ. विशाल शर्मा, डॉ. विक्रांत जावला, डॉ. राजीव बालियान तथा अजय भारद्वाज सभी इसी आशा से प्रयासरत थे कि काश अंकित सकुशल मिल सके।अब पुलिस की जांच के बाद जो सामने आया है आ रहा है वह अत्यंत ही पीड़ादायक है। अंकित के हत्यारों को फांसी की सजा मिले, इसके लिए जो भी हो सकेगा वह करेंगे।
तहेरे भाई ने दर्ज कराई रिपोर्ट
डीसीपी डॉ. ईरज राजा ने बताया कि हत्या की रिपोर्ट अंकित के तहेरे भाई संजीव ने दर्ज कराई है। इसमें उमेश नामजद है। एक आरोपी अज्ञात में है। उमेश की निशानदेही पर अंकित का डेबिट कार्ड, मोबाइल फोन, बाइक, हत्या में प्रयुक्त आरी, कुछ जले हुए कपड़े तथा बैंक के कागजात बरामद कर लिए गए हैं।
डीसीपी ग्रामीण जोन डॉ. ईरज राजा ने बताया कि राहुल घर से फरार है। उसे साक्ष्य छिपाने के जुर्म में गिरफ्तार किया जाएगा। प्रवेश के पास से अंकित की बुलेट बाइक बरामद हुई है।अंकित की हत्या के बाद उमेश ने उसकी बाइक और एटीएम कार्ड प्रवेश को दे दिए थे। प्रवेश बाइक को चला रहा था। एटीएम कार्ड से 1.20 लाख रुपये निकाले थे। उमेश को रिमांड पर लेकर शव के टुकड़े बरामद करने का प्रयास किया जाएगा।