नईदिल्ली I चीन में कोविड से बुरा हाल है। अस्पतालों में जगह नहीं है और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार के लिए कतारें लग रही हैं। सड़कें खाली हैं। अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं। इस बीच. सामने आया था कि चीन नए साल से कोरोना से जुड़े आंकड़े महीने में एक बार ही जारी करेगा। उस पर कोरोना के आंकड़े छिपाने का आरोप हमेशा से ही लगता आ रहा है। वहीं, अब शुक्रवार को हुई एक बैठक में डब्ल्यूएचओ ने चीन पर रियल टाइम कोविड डेटा को साझा करने का दवाब बनाया है। इस दौरान डब्ल्यूएचओ ने उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचाने के लिए टीकाकरण और बूस्टर के महत्व को भी दोहराया।
मिली जानकारी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम ने शुक्रवार को चीनी अधिकारियों से मुलाकात की और चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों से अस्पताल में भर्ती होने, गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में प्रवेश और मृत्यु सहित बीमारी के प्रभाव पर अधिक आनुवंशिक अनुक्रमण डेटा की मांग की। साथ ही चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन के अधिकारियों से कोरोना टीकाकरण का डेटा भी नियमित रूप से साझा करने के लिए कहा गया, खासकर कमजोर लोगों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में। डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर एक बयान भी जारी किया है।
बयान के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने चीन से वायरल अनुक्रमण, नैदानिक प्रबंधन और प्रभाव मूल्यांकन को मजबूत करने का भी आह्वान किया और इन क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की। साथ ही बयान में यह भी साफ किया गया है कि डब्ल्यूएचओ ने सटीक जोखिम आकलन करने और प्रभावी प्रतिक्रियाओं को सूचित करने के लिए चीन और वैश्विक समुदाय की मदद करने के लिए निगरानी और डेटा के समय पर प्रकाशन के महत्व पर बल दिया।
इससे पहले शुक्रवार को, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने चीन बढ़ रही कोविड स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए “व्यापक जानकारी” ना होने को स्वीकार किया था। उन्होंने कहा था कि चीन में कोरोना नियमों में ढील देने के बाद चिंताजनक स्थिति पैदा हो गई है। विभिन्न देशों द्वारा चीन पर यात्रा पाबंदियों को लेकर भी उन्होंने अपनी राय प्रकट की।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख घेब्रेसियस ने कहा कि कोरोना संक्रमितों के इलाज व टीकाकरण में संगठन मदद देता रहेगा। चीन की चरमराती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सहायता प्रदान की जाएगी। वायरस को ट्रैक करने और उच्च जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण के लिए हम प्रोत्साहन जारी रखेंगे। विभिन्न देशों द्वारा चीन पर लगाई गई यात्रा पाबंदियों का जिक्र करते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि चूंकि, चीन महामारी के आंकड़े नहीं दे रहा है, इसलिए ये देश इस तरह के कदम उठा रहे हैं।उन्होंने कहा कि जब चीन कोरोना को लेकर व्यापक सूचनाएं नहीं देगा तो दूसरे देश अपनी आबादी को महामारी से बचाने के लिए इस तरह के कदम उठाएंगे।
चीन में कोविड से बुरा हाल
चीन में कोविड से बुरा हाल है। अस्पतालों में जगह नहीं है और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार के लिए कतारें लग रही हैं। सड़कें खाली हैं। अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं। वे अस्पतालों में मरीज को फर्श पर रखना पड़ रहा है। कई इलाकों में छात्रों को स्कूल जाने से भी मना कर दिया गया है। शिक्षक और स्कूल स्टाफ संक्रमित हो रहे हैं।
वुहान के बाद सबसे बड़ी लहर
तीन साल पहले वुहान में महामारी के प्रकोप के बाद इसे सबसे बड़ी लहर बताया जा रहा है। चीन के अधिकारी असहाय नजर आ रहे हैं। उधर, चीन ने नए साल में कोविड का स्तर ए से घटाकर बी करने का एलान किया है। इससे मरीजों को क्वारंटीन नहीं किया जाएगा। साथ ही अगले माह चीनी नव वर्ष के दौरान बड़ी संख्या में पासपोर्ट व वीजा जारी करने का भी एलान किया है।, ताकि चीनी पर्यटक दूसरे देशों में यात्राएं कर सकें। इसे लेकर विश्व भर में संक्रमण फैलने की आशंका जताई जा रही है।