नई दिल्ली। बीसीसीआई (BCCI) ने 1 जनवरी 2023 को एक अहम बैठक की, जिसमें भारतीय टीम के पिछले साल टी-20 विश्व कप में खराब प्रदर्शन से लेकर खिलाड़ियों की फिटनेस पर कई बड़े फैसले किए गए। इनमें सबसे अहम फैसला वनडे विश्व कप को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
बीसीसीआई ने 20 खिलाड़ियों को वनडे विश्व कप के लिए शॉर्टलिस्ट किया। इसके साथ ही रिव्यू मीटिंग (Review Meeting) में टीम चयन से पहले डेक्सा टेस्ट को अनिवार्य करने का फैसला लिया गया। ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं आखिर डेक्सा टेस्ट क्या होता है, और ये खिलाड़ियों के लिए क्यों जरूरी है?
जानें क्या होता है DEXA Test?
बता दें क्रिकेट में अब तक खिलाड़ियों की फिटनेस के लिए यो-यो टेस्ट (Yo-Yo Test) को पास करने वाले खिलाड़ियों को ही टीम में खेलने का मौका मिलता है। लेकिन हाल ही में बीसीसीआई ने रिव्यू मीटिंग के दौरान एक नए टेस्ट को भी शामिल किया है। यो-यो के साथ डेक्सा टेस्ट(DEXA Test) को भी टीम चयन के लिए अनिवार्य कर दिया है। डेक्सा टेस्ट एक इमेजिंग टेस्ट होता है, जिसमें एक्स रे तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जो हड्डियों की मजबूती को मापता है। इसके अलावा ये टेस्ट विकसित होने से पहले ही हड्डी में किसी प्रकार के फ्रैक्चर की जानकारी को भी बता देता है।
क्यों पड़ी DEXA Test को लाने की जरूरत?
बता दें टी-20 विश्व कप में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा हिस्सा नहीं ले पाए थे। जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा था। भारतीय टीम को इंग्लैंड के हाथों सेमीफाइनल मैच में 10 विकेटों से करारी शिकस्त मिली थी। ऐसे में भविष्य में खिलाड़ियों की फिटनेस पर ध्यान देने के मद्देनजर बीसीसीआई ने इस टेस्ट को अनिवार्य किया गया है।
बैठक में ये तीन नए प्रस्ताव पेश किए गए
1. इमर्जिंग खिलाड़ियों को अब घरेलू सीरीज में लगातार खेलना होगा, ताकि वो नेशनल टीम के सेलेक्शन के लिए तैयार हो सकें
2. यो-यो टेस्ट और डेक्सा सेलेक्शन प्रोसेसे का हिस्सा बनेगा, सीनियर टीम के पूल में जो खिलाड़ी हैं उनपर इसे लागू किया जाएगा।
3. वनडे वर्ल्ड कप 2023 और बाकी सीरीज को देखते हुए एनसीए अभी आईपीएल फ्रेंचाइजी से बात करेगा और खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट पर चर्चा करेगा।